x
Solan. सोलन। हाल ही में केंद्रीय अनुसंधान संस्थान (सीआरआई) कसौली में डीटीपी वैक्सीन का व्यापक स्तर पर उत्पादन किया गया है । संस्थान द्वारा वर्तमान में केवल डिप्थीरिया, टेटनस व पर्टुसिस यानी डीटीपी वैक्सीन व कई तरह के सीरम का उत्पादन किया जा रहा है। बता दें कि संस्थान ने गत वित्त वर्ष में सरकार की मांग के हिसाब से डीटीपी वैक्सीन की एक करोड़, 10 लाख से अधिक डोज सप्लाई की है। वहीं उससे बीते वर्ष सीआरआई ने करीब एक करोड़, नौ लाख, 47 हजार से अधिक डोज की आपूर्ति की थी। जानकारी के अनुसार डीटीपी वैक्सीन शिशुओं को डिप्थीरिया, पर्टुसिस व टेटनस जैसे संक्रामक रोग से बचाव करने के लिए उपयोग की जाती है। यह वैक्सीन बच्चों को रोगों से लडऩे के लिए तैयार करती है।
डीटीपी वैक्सीन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। डिप्थीरिया के कारण बच्चों को सांस लेने में कठिनाई होती है। टेटनस बैक्टीरिया मिट्टी में पाए जाते हैं, जो तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर मांसपेशियों में ऐंठन पैदा करते हैं। पर्टुसिस शिशु में काली खांसी और खाने व पीने में परेशानी करता है। गौरतलब रहे कि संस्थान के स्टाक में मौजूदा समय में भी डीटीपी वैक्सीन की लाखों डोज परीक्षण के विभिन्न चरणों में है, संस्थान यह आपूर्ति विभिन्न राज्यों को मांग के अनुसार करता है। इसके अलावा केंद्र सरकार के निर्देशों पर भी वैक्सीन की सप्लाई की जाती है।
Next Story