उत्तराखंड

संगठन में दिल्ली जाएंगे या सरकार में आएंगे भाजपा पूर्व अध्यक्ष मदन कौशिक? जानें

Renuka Sahu
31 July 2022 6:06 AM GMT
Will the organization go to Delhi or will Madan Kaushik, former BJP president, come to the government? Learn
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फाइल फोटो 

हरिद्वार की राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले मदन कौशिक को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद उनके समर्थकों की निगाह दिल्ली की ओर लगी हुई है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हरिद्वार की राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले मदन कौशिक को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद उनके समर्थकों की निगाह दिल्ली की ओर लगी हुई है। समर्थक जानने को उत्सुक नजर आ रहे हैं कि आखिर कौशिक को अब कहां एडजेस्ट किया जाएगा? सोशल मीडिया पर मदन कौशिक से जुड़ी पोस्ट वायरल होती रहीं।

कोई विरोध में तो कोई पक्ष में पोस्ट कर रहा था। कांग्रेस के कार्यकर्ता भी यह जानने को उत्सुक दिखाई दिए कि अब आगे क्या होने वाला है। कौशिक के कई करीबी लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि जल्द ही वह धामी सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले हैं। किसी ने लिखा कि कौशिक को राष्ट्रीय स्तर पर संगठन में एडजस्ट किया जा रहा है।
हालांकि मदन कौशिक इस मामले को लेकर कुछ भी कहने से बचते रहे। उन्होंने फोन पर हुई बातचीत में इस मामले में जवाब देने से इनकार कर दिया।
अपने ही घर में मिली चुनौती : कौशिक को अपने ही घर में साथी विधायकों से लगातार चुनौती मिलती रही। कौशिक ने विरोध के बाजवूद सफलता की ऊंचाइयों को छुआ। लेकिन कौशिक अपने ही जिले के विधायकों के सर्वमान्य नेता नहीं बन पाए। इसी कारण उनका लोकसभा का टिकट तक कट गया।
भाजपा सरकार में पहली बार पैदल हुए कौशिक
समय से पहले ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को बदल दिया गया। यह पहला मौका है, जब भाजपा की सरकार में दिग्गज नेता मदन कौशिक पैदल हुए हैं। भाजपा सरकार प्रदेश में जब भी रही है, उसमें कौशिक भारी-भरकम पदों पर रहे हैं। ऐसा पहली बार है कि उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है।
उत्तराखंड बनने के बाद 2002 के चुनाव में पहली बार हरिद्वार से मदन कौशिक विधायक बने थे। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी। 2007 में भाजपा की सरकार आई तो मदन कौशिक शिक्षा मंत्री बने। बीच में सीएम भले ही बदले लेकिन कौशिक के पद पर कोई आंच नहीं आई।
2012 में सरकार गई तो कौशिक उप नेता प्रतिपक्ष बने। 2017 में सरकार आई तो दोबारा कैबिनेट मंत्री बने और शासकीय प्रवक्ता बने। चार साल तक कौशिक तत्कालीन सीएम के बेहद करीबी रहे। 10 मार्च 2021 में कैबिनेट मंत्री से हटने से पहले ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बन गए।
रातों-रात उनकी ताजपोशी हुई। कौशिक के नेतृत्व में भाजपा की सरकार की वापसी आई। लेकिन सितंबर से पहले ही अचानक उनको बदल दिया गया है। ऐसा पहली बार हुआ है कि भाजपा की सरकार होने के बावजूद कौशिक के पास कोई अहम जिम्मेदारी नहीं है। वे फिलहाल सामान्य विधायक रह गए हैं।
जिलाध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष रहे
कौशिक ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से की थी। वह 1985 में गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे। इसके साथ ही वह आरएसएस के स्वयंसेवक के रूप में काम करते रहे। साल 2000 में हरिद्वार से भारतीय जनता पार्टी के जिला महामंत्री और जिला अध्यक्ष चुने गए थे। 21 साल बाद वह प्रदेश अध्यक्ष बने।
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