देहरादून न्यूज़: उत्तराखंड में हजारों कर्मचारियों और शिक्षकों को अब तक मार्च महीने का वेतन नहीं मिल पाया है. इससे किसी को बैंक की किस्तें जमा करने में दिक्कत हो रही है तो किसी को बच्चों की एडमिशन फीस देने में मुश्किलें आ रही हैं. एक-दो जिलों को छोड़ दें तो बाकी में बड़ी तादाद में कर्मचारी और शिक्षक अब भी तनख्वाह का इंतजार कर रहे हैं. यह संकट विभागों के आहरण वितरण अधिकारियों की लापरवाही की वजह से पैदा हुआ है. पेश है हिन्दुस्तान की रिपोर्ट-
जिले में शिक्षा, पुलिस, स्वास्थ्य, चिकित्सा
शिक्षा समेत 40 विभागों के कर्मियों का वेतन अटका है. शिक्षा विभाग के पांच हजार से ज्यादा शिक्षक-कर्मचारी मार्च के वेतन से वंचित हैं. एक शिक्षक ने बताया कि खाते में जो कुछ बचा था उससे बैंक की किस्त चली गई. बच्चे की तीन माह की फीस देने को उधार लेना पड़ रहा है. मुख्य कोषाधिकारी रोमिल चौधरी ने बताया कि पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का वेतन कोषागार से शाम जारी किया गया, जो तक कार्मिकों के खातों में पहुंचने की उम्मीद है.
जो विभाग गतवर्ष का शेष बजट सरेंडर नहीं कर पाए, उन्हीं
विभागों के कर्मचारियों की सामने दिक्कतें आई हैं. आहरण
वितरण अधिकारियों के लेटलतीफी से ऐसा हुआ है. हालांकि काफी विभागों का वेतन जारी हो चुका है, शेष का तीन-चार दिन के भीतर जारी होने की उम्मीद है. -पंकज तिवारी, निदेशक, कोषागार