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जिसके बाद हाई-वे भी बंद हो गया.
उत्तराखंड| विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा और दुनिया के सबसे ऊंचाई पर स्थित हेमकुंड साहिब गुरूद्वारे के कपाट 20 मई से श्रद्धालुओं के लिए खुल रहे हैं | हेमकुंड साहिब सिखों का प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। यह पवित्र स्थान सात पहाड़ों के बीच में स्थित है। माना जाता है कि विश्व में सबसे ऊंचे स्थान पर हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा स्थित है, जहां सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी ने दस साल तक ध्यान किया था। हालांकि मौसम ने करवट ऐसी बदली कि चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा | उत्तराखंड में मौसम बदला तो वहां बर्फवारी और बारिश देखने को मिली | कई जगहों पर भूस्खलन तक देखने को मिला, जिसके बाद हाई-वे भी बंद हो गया.
इन लोगों को नहीं मिली अनुमति
हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने कहा कि, चमोली जिला प्रशासन के निर्देशानुसार हेमकुंड साहिब आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या सीमित रखी जाएगी | बीमार लोगों, बच्चों और बुजुर्गों को अगले आदेश तक यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी |
हेमकुंड साहिब की तीर्थयात्रा के लिए पंजीकरण जरूरी
गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने कहा कि हेमकुंड की तीर्थयात्रा के लिए पंजीकरण कराना जरूरी है। बीमार या सांस से संबंधित बीमारी वाले तीर्थयात्रियों के साथ ही बच्चों को यात्रा पर आने की मनाही है। जून के बाद बर्फ पिघल जाने पर ही इन्हें यात्रा पर आने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब तक आस्था पथ से बर्फ पिघल कर स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, तब तक तीर्थयात्रा भी सीमित रखी जाएगी। यदि कोई तीर्थयात्री यात्रा के लिए अपना पंजीकरण नहीं करवा पाया तो ऋषिकेश गुरुद्वारे में पंजीकरण की सुविधा दी जाएगी।
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