निजी विवि स्थापना की नई नीति जल्द, आएंगे स्तरीय संस्थान
देहरादून न्यूज़: प्रदेश में निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए कड़ी शर्तों से गुजरना होगा. सरकार राज्य में निजी विवि की स्थापना की नई नीति लाने जा रही है.नई नीति के प्रस्तावों को मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु की हरी झंडी मिल चुकी है. अब उच्च शिक्षा विभाग ने इसका अंतिम प्रस्ताव तैयार करना शुरू कर दिया है. जल्द ही इसे कैबिनेट में मंजूरी के लिए लाया जाएगा. उच्च शिक्षा सचिव शैलेश बगौली ने इसकी पुष्टि की. मालूम हो कि तीन फरवरी को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में बदलाव के सभी प्रस्तावों को मंजूरी मिल चुकी है.
आएंगे स्तरीय संस्थान, शिक्षा का स्तर होगा बेहतर नई नीति के सख्त मानकों की वजह से राज्य में निजी विवि स्थापना के लिए वे शिक्षण संस्थान ही आएंगे जो वास्तव में गंभीर है. पहाड़ और मैदानी क्षेत्रों में भूमि और भवन के निर्माण क्षेत्र के मानक पहले के मुकाबले काफी सख्त किए गए हैं. इच्छुक शिक्षक संस्थान को पहाड़ में अब दो किलोमीटर के दायरे में ही 7.5 एकड़ जमीन जुटानी होगी. पहले यह पांच किलोमीटर में केवल ढाई एकड़ थी. इसी प्रकार मैदान में शहर और ग्रामीण क्षेत्र में भूमि भवन के मानक बदले हैं. पहले जहां शहर और ग्रामीण दोनों क्षेत्र में केवल 10 एकड़ जमीन अनिवार्य थी. अब ग्रामीण क्षेत्र में 20 एकड़ जमीन जरूरी होगी.
मानकों को वर्तमान परिप्रेक्ष्य के अनुसार व्यवहारिक बनाया गया है. विधि, कार्मिक आदि परामर्शी विभाग से राय ली जा रही है. इसके बाद इस प्रस्ताव को कैबिनेट में मंजूरी के लिए लाया जाएगा.
-शैलेश बगोली, सचिव-उच्च शिक्षा
12 साल में तीसरी नीति
राज्य में निजी विश्वविद्यालयों के लिए 12 साल में तीसरी बार मानकों में बदलाव किया जा रहा है. इससे पहले 14 नवंबर 2011 को निजी विवि के लिए मानक तय किए गए थे. उसके बाद 16 अप्रैल 2016 को नीति को दोबारा से बदलाव करते हुए कुछ लचीला बनाया गया था. अब एक बार फिर से नीति को बदला जा रहा है.