उत्तराखंड
उत्तराखंड में नई फिल्म नीति को लेकर चर्चा, राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव कराने पर विचार
Renuka Sahu
6 July 2022 6:14 AM GMT
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फाइल फोटो
फिल्म और टेलीविजन संस्थान पुणे, सत्यजीत रे फिल्म एंड टेलीविजन संस्थान कोलकाता में प्रशिक्षण ले रहे उत्तराखंड राज्य के छात्रों को छात्रवृत्ति देने पर विचार हो रहा है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क।
उत्तराखंड में नई फिल्म नीति को लेकर चर्चा, राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव कराने पर विचार
फिल्म और टेलीविजन संस्थान पुणे, सत्यजीत रे फिल्म एंड टेलीविजन संस्थान कोलकाता में प्रशिक्षण ले रहे उत्तराखंड राज्य के छात्रों को छात्रवृत्ति देने पर विचार हो रहा है। विशेष प्रमुख सचिव (सूचना) अभिनव कुमार ने मंगलवार को छात्रवृत्ति के संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर वह सचिवालय स्थित कक्ष में सूचना विभाग की समीक्षा बैठक ले रहे थे।
बैठक में मुख्य रूप से नई फिल्म नीति-2022 के संबंध में चर्चा हुई। उन्होंने निर्देश दिए कि फिल्म निर्माण को उत्तराखंड राज्य के विशेष संदर्भ में व्यावहारिक और सरल बनाया जाए। इसका उद्देश्य राज्य में अधिक से अधिक फिल्मों की शूटिंग हो, रोजगार के साधन सृजित हो, स्थानीय कलाकारों को लाभ हो तथा प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा मिले।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के दूर-दराज के पर्वतीय क्षेत्रों वाले डेस्टिनेशन को चिह्नित कर वहां पर फिल्म निर्माण के लिए फिल्म निर्माता व निर्देशकों को प्रेरित किया जाए। उन्होंने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की भांति एक फिल्म समारोह करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अभिनेता, अभिनेत्री, फिल्म निर्माता एवं निर्देशक को पुरस्कार देने के लिए वार्षिक समारोह का आयोजित किया जाए। स्थानीय बोली व भाषा पर आधारित फिल्म निर्माण को अंग्रेजी व हिंदी भाषा पर आधारित फिल्म निर्माण के समकक्ष महत्व दिया जाए।
उन्होंने कहा कि नई फिल्म नीति से रोजगार सृजन होगा। होटल, टैक्सी व्यवसाय में बढ़ोतरी होगी। स्थानीय कलाकारों को लाभ मिलेगा। राज्य को एसजीएसटी के रूप में अधिक धनराशि राजस्व के रूप में प्राप्त होगी तथा पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। बैठक में अनु सचिव, रजनीश जैन, संयुक्त निदेशक, आशीष कुमार त्रिपाठी, संयुक्त निदेशक, केएस चौहान, उप निदेशक, नितिन उपाध्याय एवं उप निदेशक, मनोज श्रीवास्तव मौजूद थे।
सूचना विभाग ई ऑफिस का ढांचा शीघ्र बनाया जाए
बैठक में सूचना विभाग ई-ऑफिस का ढांचा शीघ्र विकसित करने के निर्देश दिए गए। विभागीय आवश्यकता के अनुरूप सूचना विभाग के पुनर्गठन का प्रस्ताव प्रस्तुत करने को भी कहा। कार्मिकों को अधिक दक्ष बनाने के लिए राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों में प्रशिक्षण कार्यक्रम निर्धारित करने के भी निर्देश दिए गए।
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