उत्तराखंड

रोक लगाने की मांग, अखाड़ा परिषद की बैठक में उठा 'काली' विवाद

Gulabi Jagat
6 July 2022 2:13 PM GMT
रोक लगाने की मांग, अखाड़ा परिषद की बैठक में उठा काली विवाद
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फिल्ममेकर लीना मण‍िमेकलई की डॉक्यूमेंट्री 'काली' के पोस्टर पर शुरू हुआ विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. अब धर्मनगरी हरिद्वार के संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ओर अन्य संतों ने फिल्म के प्रसारण पर रोक लगाने की मांग की है. साथ ही संतों ने फिल्ममेकर के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की है.
बता दें कनाड़ा के टोरंटो में आगा खान म्यूजियम में काली डॉक्यूमेंट्री से जुड़ी सामाग्री दिखाई गई थी, लेकिन जब ओटावा स्थित भारतीय उच्चायोग ने विवादित पोस्ट पर आपत्ति जाहिर की तो म्यूजियम ने सामने से आकर माफी मांगी. फिल्म काली को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. जहां फिल्म की निर्माता लीना मण‍िमेकलई के खिलाफ देश में कई जगह मुकदमा दर्ज किया गया है. धर्मनगरी हरिद्वार में भी विवादित पोस्टर को लेकर संतों ने अपना विरोध दर्ज कराया है.
हरिद्वार के संतों ने की फिल्म पर रोक लगाने की मांग
हरिद्वार में संतों ने बैठक कर फिल्म के बहिष्कार और भारत सरकार से ऐसी फिल्म के प्रसारण पर रोक लगाने की मांग की है. साथ ही फिल्म निर्माताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात भी कही है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महेंद्र रविंद्रपुरी ने कहा फिल्म के पोस्टर में जिस तरह से मां काली को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया है, वो निंदनीय है. वे भारत सरकार से मांग करते हैं कि इस तरह की चीजें जो सौहार्द को बिगाड़ सकती हैं, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे.
महामंडलेश्वर हरिचेतनानंद ने कहा वे ऐसे फ़िल्म और फिल्मकारों का पुरजोर विरोध करते हैं. उन्होंने कहा सनातन संस्कृति को बदनाम करने का षड्यंत्र किया जा रहा है. वे सभी से मांग करते हैं कि हमें ऐसी फिल्मों का बहिष्कार करना चाहिए. महंत अरुण दास ने कहा सरकार को चाहिए कि ऐसी फिल्म पर बैन लगाया जाए. उन्होंने कहा अगर सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती तो संत भी अपनी ओर से कार्रवाई करेंगे.
मठ-मंदिरों, आश्रम और अखाड़ा को अवैध कब्जों से बचाने की मांग: इसके साथ ही आज हरिद्वार में श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा एक विशाल संत समागम का आयोजन किया गया. जिसमें अखिल भारतीय संत समिति एवं अखाड़ा परिषद से जुड़े कई साधु संत मौजूद रहे. इस दौरान साधु-संतों ने मठ, मंदिरों-आश्रम और अखाड़ा को अवैध कब्जों से बचाने और धार्मिक संपत्तियों के संरक्षण व सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार द्वारा सख्त कानून बनाने की मांग की.
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