देहरादून न्यूज़: पेपर लीक के कारण पूर्व में रद्द हुई स्नातक स्तरीय परीक्षा के बाद कराई जा रही पुनर्परीक्षा में सेंध लगाने के प्रयास को विफल कर दिया गया. पुलिस, इंटेलीजेंस व आयोग की सतर्कता से सेंधमारी के संदिग्ध को समय रहते पकड़ लिया गया. सूत्रों के अनुसार, इसका सूत्रधार जिला पंचायत में संविदा पर तैनात एक जेई है.
स्नातक स्तरीय भर्ती की पुनर्परीक्षा आयोजित की गई. गतवर्ष पेपर लीक के कारण मुश्किल उठाने के बाद आयोग और पुलिस, इंटेलीजेंस इस बार सतर्क थे. सूत्रों के अनुसार, कुछ युवाओं ने जिला पंचायत में संविदा पर तैनात एक जेई पर ओएमआर शीट में गड़बड़ी कराते हुए पास कराने का दावा करने की जानकारी दी थी. उक्त जेई पहले गढ़वाल मंडल के एक पहाड़ी जिले में तैनात था. तीन माह पहले ही उसका ट्रांसफर मैदान में हुआ है.
इंटेलीजेंस इनपुट के आधार पर पुलिस ने उसे परीक्षा से ठीक पहले रुड़की से हिरासत में लेकर पूछताछ की. सूत्रों के अनुसार, उक्त जेई का संपर्क, भर्ती घपले में जेल में बंद उत्तरकाशी क्षेत्र के एक कुख्यात आरोपी से रहा है. पिछली बार लोक सेवा आयोग की जेई-एई भर्ती मामले में भी इसकी भूमिका संदिग्ध पाई गई थी, इस कारण पुलिस ने उसे समय रहते हिरासत में लिया.
एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि पेपर में गड़बड़ी कराने के संदेह में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया. पूछताछ में 90 लाख रुपये तक के लेन-देन की जानकारी सामने आई है, हालांकि आरोपी का कहना है कि उक्त रकम आपसी लेन-देन से जुड़ी है. इस मामले में पुलिस अग्रिम कार्रवाई कर रही है. इधर,
संपर्क करने पर आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने बताया कि इस तरह की सूचना मिली है यह सेंधमारी के बजाय ठगी का मामला है.
चालीस प्रतिशत उपस्थिति
आयोजित स्नातक स्तरीय पुनर्परीक्षा में करीब 40 उपस्थिति रही. पिछली परीक्षा में पेपर खरीदने के आरोपी चार अभ्यर्थी भी इस परीक्षा में शामिल हुए, इन्हें आयोग पूर्व में प्रतिबंधित सूची में डाल चुका था. उधर, देर शाम आयोग ने आंसर की जारी कर दी. स्नातक स्तरीय परीक्षा के लिए हरिद्वार के अलावा अन्य सभी जिलों में 442 केंद्र बनाए गए थे. आयोग के सचिव एसएस रावत ने बताया कि देहरादून, नैनीताल और यूएसनगर जिले में अभ्यर्थियों की उपस्थिति 38 प्रतिशत रही, जबकि पहाड़ में उपस्थिति 42 से 43 प्रतिशत तक रही.
परीक्षा शांतिपूर्वक ढंग से सम्पन्न हुई. इसमें पुलिस, प्रशासन और इंटेलीजेंस ने पूरा सहयोग दिया. नैनीताल के एक केंद्र पर आवेदक का नाम, एडमिट कार्ड से मैच नहीं हुआ. हालांकि बायोमैट्रिक मिलान में यह ठीक पाया गया. एक अन्य मामले में आवेदक को प्रोविजनल तौर पर बैठने की अनुमति दी गई. इसकी जांच की जाएगी.-जीएस मर्तोलिया
अध्यक्ष, यूकेट्रिपलएससी