उत्तराखंड

चंद्रयान-3 में पौड़ी गढ़वाल के अग्रवाल दंपती ने निभाई अहम भूमिका

Gulabi Jagat
18 July 2023 6:30 PM GMT
चंद्रयान-3 में पौड़ी गढ़वाल के अग्रवाल दंपती ने निभाई अहम भूमिका
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भारत ने 14 जुलाई को चंद्रयान-3 चंद्रमा मिशन को सफलतापूर्वक लांच कर दिया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने चंद्रमा पर अपना तीसरा मिशन चंद्रयान-3 आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया है। चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग पर ना सिर्फ देश बल्कि पूरी दुनिया की नजर थी। सफल लॉन्चिंग के बाद अब लैंडिंग का इंतजार है। वहीं, चंद्रयान-3 अभियान को सफल बनाने के लिए इसरो की जो टीम दिनरात काम कर रही है उनमें अहम भूमिका निभाने वाला पौड़ी गढ़वाल जिले के दुगड्डा कस्बे का अग्रवाल दंपती भी शामिल हैं।
बता दें, मूलरूप से दुगड्डा निवासी दीपक अग्रवाल इस अभियान से थर्मल विभाग के प्रमुख के रूप में जुड़े हैं। जबकि, उनकी पत्नी पायल अग्रवाल अभियान में साफ्टवेयर विज्ञानी के रूप में शामिल हैं। दीपक ISRO में चार अहम विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, और अब तक कई महत्वपूर्ण अभियानों में शामिल रह चुके हैं। वहीं, साल 1979 में जन्मे दीपक अग्रवाल की शुरुआती शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर दुगड्डा में हुई। बाद में उन्होंने राजकीय इंटर कालेज दुगड्डा से इंटर और फिर गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से बीटेक किया। उस वक्त दीपक के परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर थी, तब पिता ने कर्ज लेकर बेटे को यूनिवर्सिटी में दाखिला दिलाया। साल 2002 में उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक करने के साथ ही यूनिवर्सिटी मेडल भी हासिल किया। तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने उन्हें यह मेडल पहनाया था। इस दौरान एपीजे अब्दुल कलाम ने मेडल हासिल करने वाले विद्यार्थियों से वार्ता कर उन्हें देश सेवा के लिए इसरो ज्वाइन करने का न्योता दिया। तब वर्ष 2004 में आईआईटी कानपुर से एमटेक करने के तत्काल बाद दीपक का चयन इसरो (ISRO) के लिए हो गया। वह माता-पिता को लेकर त्रिवेंद्रम चले गए और इसरो में बतौर विज्ञानी नौकरी ज्वाइन की। यहां भी उन्होंने अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन बनाए रखा। वर्ष 2009 से 2015 तक दीपक ने एयरो स्पेस के क्षेत्र में पीएचडी की।
गौर हो कि वर्तमान में वह इसरो में थर्मल इंजीनियरिंग डिवीजन के प्रमुख, थर्मल, सी-25 (भारी क्रायोजेनिक इंजन और स्टेज) के उपपरियोजना निदेशक, थर्मल, सीयूएस (भारत के पहले क्रायोजेनिक राकेट इंजन) के परियोजना निदेशक और थर्मल, सेमी-क्रायोजेनिक इंजन और स्टेज के परियोजना निदेशक की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। अग्रवाल दंपति ने कहा कि चंद्रयान-3 में टीम का हिस्सा बनने पर वह गर्व महसूस कर रहें हैं। अब उन्हें 'चंद्रयान-3' के चंद्रमा की जमीन पर सफलतापूर्वक लैंड होने का इंतजार है। अगर लैंडिंग सफल रही, तो संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत यह उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा।
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