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योगी ने की प्रयागराज, वाराणसी और मेरठ में विकास परियोजनाओं की समीक्षा की
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को मेरठ,प्रयागराज और वाराणसी मंडल के सांसद और विधायकों के साथ विकास परियोजनाओं की पड़ताल की। इस विशेष बैठक में उन्होने मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, हापुड़, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, वाराणसी, जौनपुर , गाजीपुर, चंदौली, प्रयागराज, कौशाम्बी, फतेहपुर एवं प्रतापगढ़ जिलों से आए सांसद और विधायकों से उनके क्षेत्र की विकास योजनाओं की जानकारी ली और जनप्रतिनिधियों के प्रस्तावों पर कार्यवाही के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय को निर्देश दिये।
उन्होने कहा कि वाराणसी नेचर, कल्चर और एडवेंचर का संगम बन रहा है। रोड से लेकर ट्रीटमेंट प्लांट, नेक्स्ट जेनरेशन इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर ट्रांसपोर्ट फैसिलीटीज तक, रुद्राक्ष कनवेंशन सेंटर से लेकर सिटी कमांड के जरिए ट्रैफिक मैनेजमेंट तक, अंडरग्राउंड केबलिंग से लेकर कार्गो सेंटर तक, वाराणसी अधुनातन विकास के नए मानक गढ़ रही है।
उन्होने कहा कि जौनपुर , गाजीपुर एवं चंदौली जिलों में भूमि की पर्याप्त उपलब्धता है। यहां पूरा क्षेत्र उर्वर है और कुशल मानव पूंजी से समृद्ध है। यहां औद्योगिक विकास की बड़ी संभावनाएं हैं। प्रयागराज में कुंभ 2025 के लिए जनप्रतिनिधियों को इसमें बड़ी भूमिका निभानी होगी।
औद्योगिक विकास में मेरठ मंडल की प्रभावी भूमिका है। यहां राष्ट्रीय राजधानी से भौगोलिक निकटता का लाभ तो है ही, बेहतर कनेक्टिविटी, विश्वस्तरीय इंफ्रस्ट्रक्चर, सुदृढ़ कानून-व्यवस्था मेरठ मंडल को हर उद्यमी की पहली पसंद बनाती है। रमाला (बागपत) चीनी मिल फिर से चलाई गई है। पुरानी मिलों की क्षमता वृद्धि और आधुनिकीकरण का कार्य हो रहा है। जनप्रतिनिधियों के सहयोग से यह कार्य आगे भी जारी रहेगा।
उन्होने कहा कि 10-12 फरवरी को उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जा रहा है। समिट से पहले दुनिया भर के निवेशकों को उत्तर प्रदेश में निवेश का आमंत्रण देने की हमारी कार्ययोजना को आशातीत सफलता मिली है। जीआईएस-2023 ऐतिहासिक होने जा रहा है। व्यापक निवेश से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होंगे।