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कद से मात खाईं महिलाएं, बस ड्राइविंग के आवेदन खारिज
कानपूर: रोडवेज की ड्राइवर बनने आईं महिलाओं की कम हाइट उनकी बाधा बन गई. 16 महिलाओं को कद कम होने के कारण रिजेक्ट कर दिया गया. रोडवेज और कौशल विकास मिशन के संयुक्त तत्वावधान में होने वाले महिला कॉमर्शियल ड्राइविंग का दूसरा ट्रेनिंग बैच शुरू नहीं हो पा रहा है. निमानुसार एक बैच में कम से कम 27 महिलाओं का होना अनिवार्य है. 18 अगस्त तक 46 आवेदन आए पर इसमें से 24 आवेदन किसी न किसी अनिवार्यता के पूरी न होने से खारिज हो गए. इनमें से 16 आवेदकों का कद ही कम रह गया.
कामर्शियल ड्राइविंग ट्रेनिंग
● न्यूनतम लंबाई पांच फुट तीन इंच की अनिवार्यता रखी गई
● कोई एक तो कोई दो सेंटीमीटर कम होने से बैच से हुईं बाहर
● 27 प्रशिक्षणार्थी न होने से नहीं शुरू हो पा रहा बैच
महिला कॉमर्शियल वाहन ड्राइविंग में अर्हता
● लंबाई पांच फुट तीन इंच
● आयु अधिकतम 34 साल
● योग्यता कक्षा आठ पास
● अन्य कागजात - आधार और बैंक पास बुक की फोटो प्रति. ड्राइविंग लाइसेंस जरूरी नहीं. एलएमवी लाइसेंस है तो तीन महीने की ट्रेनिंग नहीं करनी होगी.
हर स्तर पर जांच के बाद ही उनके आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं. लंबाई कम होने से बड़ी संख्या में आवेदन खारिज हो गए. जल्द पांच महिलाओं की संख्या पूरी होते दूसरा बैच शुरू करा देंगे. - एसपी सिंह, प्रधानाचार्य, रोडवेज ट्रेनिंग सेंटर, विकासनगर
पिंक बसों में महिला ड्राइवरों की होगी तैनाती
रोडवेज अफसरों ने बताया कि भविष्य में उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों में पिंक बसें और संचालित की जाएंगी. इन बसों की स्टेयरिंग महिला ड्राइवरों के हाथों में होगी. इस कारण इनके प्रशिक्षण का फैसला हुआ है.
पहले बैच की 17 महिलाएं ले रहीं ड्राइविंग का प्रशिक्षण
रोडवेज और कौशल विकास मिशन ने पहले बैच की ड्राइविंग का प्रशिक्षण पूरा किया था. इनमें से चयनित महिलाओं में से 17 प्रशिक्षण लेने के बाद सूबे के नौ डिपो में रोडवेज बसें चलाने का प्रशिक्षण ले रही हैं. बैच तो 27 का ही था लेकिन बीच में ही कई महिलाएं छोड़ गईं थीं. जनवरी- 2024 में इनका बस चालन का प्रशिक्षण पूरा हो जाएगा. इसके बाद इनकी स्थायी रूप से डिपो में तैनाती कर दी जाएगी. प्रशिक्षण के दौरान भी महिलाओं को निर्धारित मानदेय मिलता है.