उत्तर प्रदेश

वाराणसी: आज पंडित बिरजू महाराज की अस्थियां लेकर पहुंचेंगे परिजन, 22 जनवरी को गंगा में होंगी विसर्जित

Renuka Sahu
21 Jan 2022 2:52 AM GMT
वाराणसी: आज पंडित बिरजू महाराज की अस्थियां लेकर पहुंचेंगे परिजन, 22 जनवरी को गंगा में होंगी विसर्जित
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फाइल फोटो 

कथक सम्राट पद्मविभूषण पं. बिरजू महाराज की अस्थियां गंगा में विसर्जित होंगी।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कथक सम्राट पद्मविभूषण पं. बिरजू महाराज की अस्थियां गंगा में विसर्जित होंगी। 21 जनवरी की देर रात परिजन पं. बिरजू महाराज की अस्थियों को लेकर बनारस आएंगे। अस्सी घाट पर विसर्जन के विधि-विधान पूर्ण करने के बाद गंगा की मध्य धारा में अस्थियां प्रवाहित की जाएंगी।

उनके चाहने वाले और शिष्य अस्थियों का अंतिम दर्शन कस्तूरबा नगर कॉलोनी स्थित नटराज संगीत अकादमी परिसर में कर सकेंगे। गुरुवार को को पं. बिरजू महाराज के पुत्र पं. जयकिशन महाराज और शिष्या शाश्वती सेन अस्थि कलश लेकर दिल्ली से लखनऊ के लिए रवाना हो गए।
नटराज संगीत अकादमी परिसर में रखी जाएंगी अस्थियां
21 जनवरी को सुबह से लेकर शाम तक पं. बिरजू महाराज का अस्थिकलश लखनऊ स्थित उनके पैतृक आवास बिंदादीन की ड्योढ़ी पर रखा जाएगा। दिन भर लखनऊ में उनके प्रशंसक और चाहने वाले अस्थि कलश पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। सूर्यास्त के बाद परिजन अस्थि कलश लेकर काशी के लिए रवाना हो जाएंगे।
पं. बिरजू महाराज की शिष्या संगीता सिन्हा ने बताया कि पंडित बिरजू महाराज की अस्थियां, अंतिम दर्शन के लिए सिगरा के कस्तूरबा नगर कॉलोनी स्थित नटराज संगीत अकादमी परिसर में रखी जाएंगी। काशी के कलाकार और उनके प्रशंसकों द्वारा पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद अस्थि कलश खुले वाहन पर रखकर अस्सी घाट ले जाया जाएगा। अस्थि कलश यात्रा 22 जनवरी को पूर्वाह्न 9 बजे आरंभ होगी।
अस्सी घाट पर वैदिक रीति से अस्थि कलश का पूजन
अस्सी घाट पहुंचने के बाद वैदिक रीति से अस्थि कलश का पूजन किया जाएगा और फिर गंगा की मध्य धारा में उसका विसर्जन पं. बिरजू महाराज के परिजनों द्वारा किया जाएगा। संगीता सिन्हा ने बताया कि हम सब चाहते थे कि पहले महाराजजी का अस्थि कलश कबीरचौरा मोहल्ले में रखा जाए, लेकिन उस क्षेत्र में सड़क खोदाई का काम जारी होने के कारण दिक्कतों को देखते हुए अस्थि कलश के अंतिम दर्शन नटराज संगीत अकादमी में कराने का निश्चय किया गया।
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