उत्तर प्रदेश

Varanasi: बीएचयू में बेमियादी अनशन पर बैठे छात्रों की सेहत बिगड़ी

Admindelhi1
23 Aug 2024 4:44 AM GMT
Varanasi: बीएचयू में बेमियादी अनशन पर बैठे छात्रों की सेहत बिगड़ी
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20 दिन पूर्व छात्रों के आंदोलन को संज्ञान में नहीं लेने से तीन दिन पूर्व इन्होंने अनशन शुरू किया था

वाराणसी: बीएचयू में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया और अन्य मुद्दों को लेकर परीक्षा नियंता कार्यालय के बाहर बेमियादी अनशन पर बैठे दिव्यांश दुबे एवं श्यामल कुमार की सेहत बिगड़ने लगी है. करीब 20 दिन पूर्व छात्रों के आंदोलन को संज्ञान में नहीं लेने से तीन दिन पूर्व इन्होंने अनशन शुरू किया था.

चिकित्सक ने दोनों छात्रों की सेहत जांची और अनशन खत्म करने की सलाह दी, लेकिन दोनों छात्र जिद पर अड़े हैं. उनका कहना है कि जब तब विवि प्रशासन सार्थक उत्तर नहीं देता तब तक आंदोलन जारी रहेगा. इस दौरान यदि इन दोनों छात्रों के साथ कुछ भी अप्रिय होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी बीएचयू प्रशासन की होगी.

आंदोलनकारियों का आरोप है कि कुलपति के इशारे पर विवि में जाति विशेष के लोगों को ही प्रमुख पदों की जिम्मेदारी दे दी गई है. विश्वविद्यालय हित में ठोस कदम उठाने की जगह सिर्फ फंड रेजिंग पर ही जोर है. संबंधित अधिकारी लगातार आंदोलन के बाद भी छात्रों से मिलना उचित नहीं समझ रहे. उल्टा विद्यार्थियों को चिह्नित करके सस्पेंड करने, परिसर के पेड़ों को कटवा के बेचने जैसे कार्यों में लिप्त हैं. विश्वविद्यालय की सुंदर और समृद्ध परंपरा का हिस्सा ‘स्पंदन’ जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रम को भी बंद करा दिया गया है. ज्यादातर सर्टिफिकेट कोर्स बंद कर दिए गए हैं. डी-लिट और डी एससी की डिग्री भी बंद कर दी गई है.

संहिता काल में है शब्दतत्व का चिंतन: शब्दतत्व व्याकरण का प्रमुख प्रतिपाद्य है. उसका गंभीर चिंतन संहिता काल के सूक्तों तथा मंत्रों में स्पष्ट है. भर्तृहरि ने आचार्यों ने व्याकरण संबंधी विचारों की व्याख्या का कार्य किया है. ये बातें संविवि के पूर्व अध्यक्ष प्रो. नरेंद्रनाथ पाण्डेय ने सुंदरपुर स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में ‘शब्दाद्वैत एवं ब्रह्माद्वैत का तुलनात्मक अध्ययन’ विषय पर व्याख्यान के दौरान कही. अध्यक्षता प्रो. कृष्णकांत शर्मा की.

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