उत्तर प्रदेश

Varanasi : काशी में चार लाख लोगों के पीने का पानी नालियों में बह रहा , गंगा का जलस्तर जा रहा नीचे

Tara Tandi
10 Jun 2024 11:56 AM GMT
Varanasi : काशी में चार लाख लोगों के पीने का पानी नालियों में बह रहा , गंगा का जलस्तर जा रहा नीचे
x

Varanasi वाराणसी : जलकल शहर की 20 लाख की आबादी को रोज पेयजल आपूर्ति करता है। इसमें वॉटर लॉस का प्रतिशत 20 फीसदी है। यानी चार लाख की आबादी की जरूरत पूरा करने वाला पानी नालियों में बह जा रहा है।

वहीं, गर्मी में गंगा का जलस्तर लगातार नीचे जाने से जलापूर्ति पर भी असर पड़ने लगा है। इसके चलते कई इलाकों में लो प्रेशर से पानी की आपूर्ति की जा रही है। इस समय गंगा का जलस्तर 57.74 मीटर है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार औसतन हर दिन 4 सेंटीमीटर पानी नीचे जा रहा है। य
ही हाल रहा तो आने वाले दिनों में दिक्कत और बढ़ जाएगी।
एक आदमी को 130 लीटर पानी मिलना चाहिए। उसे लो प्रेशर के चलते 80 लीटर ही पानी मिल रहा है। यानी रोजाना एक दिन में 50 लीटर कम। गंगा का जलस्तर काफी नीचे चला गया है। इसके कारण लो प्रेशर पर वाटर पंप चल रहे हैं। वर्तमान में 16 करोड़ लीटर पानी प्रतिदिन 20 लाख की आबादी को दी जा रही है। फिर भी शहर के कई इलाकों में पानी नहीं आने और पानी कम आने की शिकायतें आ रहीं हैं।
इन इलाकों में पानी की समस्या से जूझ रहे लोग
पांडेयपुर वार्ड के कई इलाकों में 15 दिन से पानी बहुत कम आ रहा है। अर्दली बाजार, टकटकपुर, महावीर मंदिर चौराहा के आसपास पानी नहीं मिलने से लोगों को परेशानी बढ़ गई है। शिकायत के बाद भी लोगों की समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। सामने घाट गांधीनगर, सुंदरपुर, लंका, लल्लापुरा, औरंगाबाद, सिगरा, चेतगंज, पांडेपुर, हुकुलगंज आदि इलाकों में पानी की समस्या से जनता जूझ रही है।
पिछले दिनों मिनी ट्यूबवेल में आई खराबी से वरुणापार क्षेत्र के हुकुलगंज, बघवानाला. नईबस्ती में पेयजल संकट है। इन इलाकों में रहने वाले लोग बूंद- बूंद पानी के लिए भटक रहे हैं। मरम्मत के बाद पानी की आपूर्ति हुई तो कई इलाकों में कम प्रेशर पर पानी आ रहा है।
वहीं, नल को खुला छोड़ देने, पीने के पानी से बागवानी, गाड़ियों की धुलाई, सड़कों तथा गलियों में बेवजह पानी का छिड़काव करने से सर्वाधिक पानी की बर्बादी होती है। इसके अलावा पेयजल पाइपों में लीकेज भी बर्बादी का कारण है।
क्या बोले अधिकारी
गर्मी में गंगा का जलस्तर नीचे चला जाता है। ट्यूबवेल से जलापूर्ति कराई जा रही है। जो भी समस्याएं हैं, उनका समाधान कराया जा रहा है। - ओपी सिंह, जलकल सचिव
Next Story