उत्तर प्रदेश

पारिस्थितिक पुनर्स्थापन केंद्र की ओर से वृक्ष उत्पादक मेला का आयोजन किया गया

Admindelhi1
27 March 2024 10:00 AM GMT
पारिस्थितिक पुनर्स्थापन केंद्र की ओर से वृक्ष उत्पादक मेला का आयोजन किया गया
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किसानों ने साझा किए अनुभव

इलाहाबाद: उपजाऊ जमीन को दबंगों से बचाने के लिए एक छोटा सा प्रयोग मऊ के रहने वाले डॉ रवींद्र नाथ राय को लखपति बना गया. उन्होंने अपनी 6.5 एकड़ उपजाऊ जमीन पर यूकेलिप्टस की खेती की. छह वर्षों में उन्हें इससे 28 लाख रुपये की आमदनी हुई. अब वह यूकेलिप्टस के साथ तीन गुना अधिक आमदनी देने वाले अफ्रीकन महोगनी की खेती करेंगे. वन विभाग में अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त डॉ. रवींद्र के लिए पेड़ों की खेती जुनून बन गया है. उन्होंने भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद के अधीन संचालित पारिस्थितिक पुनर्स्थापन केंद्र की ओर से आयोजित एक दिवसीय वृक्ष उत्पादक मेला में अपने अनुभव साझा किए. वृक्ष आधारित आजीविका विकास पर आयोजित इस मेले में प्रदेश भर से करीब 500 किसान शामिल हुए. विशेषज्ञों ने उन्हें महोगनी, पॉपलर, चंदन, मीलिया डूबिया की उपयोगिता, खेती करने का तरीका और इससे होने वाली लाखों की आमदनी के बारे में जानकारी दी.

पांच किसानों को तरुणमित्र पुरस्कार इस क्रम में वृक्ष एवं पौध उत्पादन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पांच किसानों को पहली बार तरुमित्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया. पॉपलर तथा यूकेलिप्टस की आठ वर्षों से खेती करने वाले प्रयागराज के धनंजय सिंह, वानिकी के क्षेत्र में पांच वर्षों का अनुभव रखने वाले केपी मिश्र, औषधीय पौधों की खेती में छह वर्षों का अनुभव रखने वाले केपी पांडेय, चंदन, मीलिया डूबिया, यूकेलिप्टस, गम्हार आदि की खेती का आठ वर्षों का अनुभव रखने वाले प्रतापगढ़ के उत्कृष्ठ पांडेय और अरविंद सिंह को सम्मान मिला. समन्वयक आलोक यादव ने मेले के उद्देश्य आदि की जानकारी दी. उप कृषि निदेशक सत्यप्रकाश श्रीवास्तव, कर्नल सुशील गुहानी और केंद्र प्रमुख डॉ. संजय सिंह ने दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया.

चंदन की खेती पर हुई चर्चा प्रथम तकनीकी सत्र में चन्दन की खेती पर चर्चा की गई. बांदा कृषि विश्वविद्यालय के डॉ. योगेश ने किसानों को वानिकी, विनोवर शर्मा ने जैविक खाद उद्यमिता, बिहार के अमित कुमार सिंह ने फलदार वृक्षों की खेती और संभावनाओं पर जानकारी दी.

वानिकी आधारित जादू का कौशल रवीन्द्र केसरवानी ने दिखाया. साथ ही मुनीम चन्द्र मस्ताना और कलाकारों ने लोकगीत एवं बिरहा की प्रस्तुति दी. द्वितीय तकनीकी सत्र में हर्बल गार्डन संस्थापक केपी पांडेय ने औषधीय पौधों की आवश्यकता पर जोर दिया. डॉ. कुमुद दूबे, आलोक यादव, डॉ. अनुभा श्रीवास्तव एवं डॉ. अनीता तोमर ने अलग-अलग प्रजाति के वृक्षों की जानकारी दी. इस अवसर पर 15 प्रदर्शन स्टाल भी लगाए गए. जिसमें सीमैप के साथ दूसरे सरकारी और गैर सरकारी संस्थान शामिल हुए.

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