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आला अफसरों ने किया कैंट अस्पताल का निरीक्षण, मरीज हो रहे परेशान
मेरठ: अध्यक्ष,छावनी परिषद व मुख्य अधिशासी अधिकारी ने कैंट के जनरल अस्पताल का संयुक्त निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कुछ खामियां भी मिली, जिनको दुरुस्त करने के निर्देश दिये गए। मूल भूत समस्याओं को देखा गया, जिसमें सुधार करने के लिए कहा गया। सोमवार की सुबह जैसे ही छावनी परिषद के अध्यक्ष व मुख्य अधिशासी अधिकारी ज्योति कुमार कैंट के जनरल अस्पताल में पहुंचे तो स्टाफ में हड़कंप मच गया। इस दौरान छावनी परिषद के सदस्य डा. सतीश चन्द्र शर्मा अस्पताल की मूल भूत समस्याओं को गिनाया तथा उनको दुरुस्त करने की मांग की। कहा कि समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण कराया जाएगा।
समस्याओं में जैसे अस्पताल की रंगाई पुताई, पेड़ों की छंटाई, डाक्टर की संख्या बढ़ाना आदि का मुद्दा उठा। इस अस्पताल में डॉक्टरों की कमी हैं, जिसको लेकर लंबे समय से समस्या चली आ रही हैं। संविदा पर भी डॉक्टरों को तैनात नहीं किया जा रहा हैं। मरीज आते हैं, लेकिन डॉक्टर नहीं होने के कारण मरीज परेशान होकर वापस लौट जाते हैं। इस समस्या का निस्तारण करने का आश्वासन दिया गया।
खोखा वालों की सुनवाई अब चार को: नई सड़क नगर निगम की भूमि खसरा संख्या 6041 के खोखा धारकों कि सोमवार को उच्च न्यायालय के समक्ष सुनवाई हुई। जिसमें दो बार रिवाइज के उपरांत भी नगर निगम के अधिवक्ता के उपस्थित नहीं होने के कारण उच्च न्यायालय द्वारा इस प्रकरण में चार जनवरी 2023 की सुनवाई निर्धारित कर दी। खोखा धारकों के लिए किया गया यथास्थिति बनाए रखने का स्टे आर्डर समाप्त कर दिया गया है। अब उक्त स्थल पर खोखा धारकों द्वारा कल से पुन: कार्य आरंभ करने की कवायद की जाएगी।
दरअसल, नगर निगम के खिलाफ खोखा व्यवसायी हाईकोर्ट में पहुंच गए थे। तमाम इससे संबंधित प्रमाण भी दिये गए तथा उन्होंने अलग से खोखे वालों को विस्थापित करने की मांग भी की गई। इसको लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई की गई थी। सोमवार को भी इसकी सुनवाई थी, लेकिन नगर निगम के अधिवक्ता सुनवाई में नहीं पहुंचे। अब चार जनवरी इसकी सुनवाई की तिथि तय कर दी गई हैं। इसमें इसको लेकर फाइनल मुहर लग जाएगी कि खोखे वालों को विस्थापित किया जाएगा या फिर नहीं।