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जेपी इंफ्राटेक के हजार फ्लैट खरीदारों को राहत मिलने की उम्मीद
नोएडा: जेपी इंफ्राटेक की परियोजनाओं में फंसे करीब हजार फ्लैट खरीदारों और 10 हजार किसानों को जल्द राहत की उम्मीद है. यमुना प्राधिकरण ने जेपी इंफ्राटेक का अधिग्रहण करने वाली कंपनी सुरक्षा समूह के कुछ प्रमुख प्रस्तावों पर सहमति जताई है.
अब इससे संबंधित प्रस्ताव आगामी कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा. कैबिनेट से स्वीकृति मिलने के बाद यह एनसीएलटी में जाएगा. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने जेपी इंफ्राटेक का अधिग्रहण कर रही कंपनी सुरक्षा समूह के पक्ष में फैसला देते हुए यमुना प्राधिकरण के कई दावों को अस्वीकार कर दिया था. इस पर प्राधिकरण ने एनसीएलएटी में चुनौती दी थी. इसमें मुख्य दावा जेपी इंफ्राटेक से प्रभावित किसानों को 64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा के लिए 89 करोड़ राशि को लेकर था.
यमुना प्राधिकरण ने इसके खिलाफ अपील की थी. अब यमुना प्राधिकरण और सुरक्षा समूह के अधिकारियों के बीच कई बिंदुओं पर सहमति बनी है. इसके अंतर्गत सुरक्षा समूह ने यमुना एक्सप्रेसवे पर जेपी इंफ्राटेक को टोल शुल्क वसूलने की अनुबंध अवधि 36 साल से साल अतिरिक्त बढ़ाने, निशुल्क एफएआर (फ्लोर एरिया रेश्यो), नोएडा प्राधिकरण द्वारा लगाए गए वाटर चार्ज को माफ करने, जेपी इंफ्राटेक को आवंटित की गई किसान की भूमि के अतिरिक्त ग्राम समाज की भूमि पर अतिरिक्त मुआवजा राशि माफ करने, प्रतिवर्ष टोल शुल्क में बदलाव करने आदि की मांग रखी थी. प्राधिकरण सूत्रों के मुताबिक जेपी समूह की आवासीय परियोजना में हजार फ्लैट खरीदार फंसे हैं. वे कई वर्षों से अपने घर का इंतजार कर रहे हैं.
यमुना एक्सप्रेसवे और लैंड पार्सल (एलएफडी) के लिए हुई जमीन अधिग्रहण से प्रभावित गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा व आगरा के दस हजार किसान परिवार को 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा राशि मिलने की आस जगी है. एनसीएलएटी से फैसला आने के बाद फ्लैट खरीदार व किसानों का इंतजार समाप्त हो जाएगा.