उत्तर प्रदेश

नाला निर्माण में चौड़ाई कर दी कम, 17 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा नाला निर्माण

Admin Delhi 1
7 March 2023 10:06 AM GMT
नाला निर्माण में चौड़ाई कर दी कम, 17 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा नाला निर्माण
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मेरठ: महानगर में छतरी पीर से घंटाघर ओडियन तक बनाये जा रहे नाले को लेकर स्थानीय लोगों एवं पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों का अपना-अपना अलग तर्क हैं। जिसमें स्थानीय लोग नाले की चौड़ाई घटा देने का आरोप लगाकर भविष्य में सड़क पर जलभराव की समस्या पैदा होने की बात कर रहे हैं।

वहीं, पीडब्ल्यूडी विभाग के जेई इसे भविष्य के लिये बेहतर नाला निर्माण होना बता रहे हैं। जिसमें उनका कहना है कि वर्तमान में करीब दो लाख लोगों के हिसाब से नाला बना है, लेकिन नया नाला छह से आठ लाख लोगों के हिसाब से बनाया गया है।

महानगर में पीडब्ल्यूडी विभाग की तरफ से छतरी पीर से लेकर घंटाघर, ओडियन तक करीब 1237 मीटर नाला एवं कुछ जगह सड़क निर्माण का कार्य कराया जा रहा है। जिसमें यह नाला एवं सड़क निर्माण कार्य के लिये विभाग के द्वारा 17 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जो पूर्व का नाला बना हुआ था।

जिसमें उसकी चौड़ाई अधिक होने के बाद भी सड़क पर जलभराव की समस्या बनी रहती थी, लेकिन नया नाला जो निर्माण कार्य कराया जा रहा है। उसकी चौड़ाई करीब 3 से 4 फीट कम कर दी गई है। जिसके चलते बरसात के समय सड़क पर जलभराव होने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता।

वहीं, पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि भले ही इस नाले की चौड़ाई कुछ जगहों पर कम रही हो, लेकिन जिनता पानी पूर्व के नाले में चलता था। उससे दो से तीन गुणा अधिक क्षमता से पानी चलेगा। यह नाला बढ़ती जनसंख्या को देखते हुये बनाया गया हैं।

पीडब्ल्यूडी विभाग की तरफ से जो नाला निर्माण छतरी पीर से घंटाघर होते हुये ओडियन तक बनाया जा रहा है। उसको लेकर स्थानीय लोगों व पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों का अलग-अलग तर्क हैं। जिसमें घंटाघर के निकट नाले के सहारे ही सोहनलाल की दुकान है।

जिसमें सोहनलाल का कहना है कि पूर्व के नाले की अपेक्षा इस नये नाले की चौड़ाई विभाग के द्वारा कुछ कम कर दी गई है। जिसको लेकर बरसात के समय सड़क पर जलभराव की समस्या खड़ी हो सकती है। इसमें दुकानदार नीरपाल, वसीम, नईम आदि का भी यही कहना है कि उनके यहां तीन से चार फीट नाले की चौड़ाई को कम किया गया है।

पुराना जो नाला था, उसकी चौड़ाई अधिक होने के बाद भी जलभराव की समस्या बरसात के समय बन जाती थी, लेकिन इतनी नाले की चौड़ाई कम होने से नाले में दूषित पानी की निकासी कैसे बेहतर होगी यह तो पीडब्ल्यूडी विभाग ही बता सकता है। समान्य रूप से जो लोगों के घरों का पानी होता है।

वह उसके हिसाब से हो सकता है कि नाले की क्षमता आंकी गई हो, लेकिन बरसात के पानी से जलभराव की समस्या पैदा हो सकती है। वहीं, इस मामले में पीडब्ल्यूडी विभाग के जेई जसबीर का कहना है कि भविष्य को ध्यान में रखते हुये इस नाले का निर्माण कराया जा रहा है।

जिसमें अब करीब दो लाख लोगों की जनसंख्या के हिसाब से पूर्व का नाला बना हुआ था, लेकिन इस नाले के निर्माण की भले ही चौड़ाई कुछ जगहों पर कम रही हो, लेकिन छह से आठ लाख लोगों के हिसाब से इस नाले का निर्माण कराया गया है। पूर्व के चौड़ाई वाले नाले में न तो लेवल का ठीक था और न ही पानी का प्लो ठीक तरह से चलता था,

लेकिन जो नये नाले का निर्माण किया जा रहा है। उसमें 10 मीटर पर करीब एक सेमी का ढलान किया गया है। यह नाला कंकरीट एवं सीमेंट से बना है और पुराना नाला र्इंटों का बना था। जिस कारण नाले में पानी का बहाव नहीं बन पा रहा था। इस नाले से सड़क पर जलभराव की समस्या नहीं होगी।

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