उत्तर प्रदेश

रौद्र रूप धारण कर गंगा सन-2013 की याद दिला रहा, पॉश कॉलोनियों समेत BHU ट्रॉमा सेंटर में घुसा बाढ़ का पानी

Renuka Sahu
27 Aug 2022 1:01 AM GMT
Taking a raging form, Ganga is reminding of Sun-2013, flood water entered BHU Trauma Center including posh colonies
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फाइल फोटो 

रौद्र रूप धारण कर चलीं गंगा बनारस के लोगों को सन-2013 जैसी भयावहता की याद दिलाने लगी हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रौद्र रूप धारण कर चलीं गंगा बनारस के लोगों को सन-2013 जैसी भयावहता की याद दिलाने लगी हैं। तब गंगा और वरुणा के तटवर्ती दर्जनों मोहल्लों में लगभग एक माह तक बाढ़ ने जनजीवन का पंगु कर दिया था। कई तटवर्ती गांवों में हालत बदतर हो गए थे। इसका संकेत शुक्रवार को मिला। शाम छह बजे गंगा के जलस्तर में तीन सेंमी प्रति घंटे की गति से बढ़ाव खतरे के निशान को भी पीछे छोड़ने को आतुर दिखा। चेतावनी बिंदु गुरुवार दोपहर ही पीछे छूट चुका है। शहर के दक्षिणी इलाके में कई पॉश कॉलोनियों में गंगा की बाढ़ का पानी तीन से चार फीट तक जमा हो गया था।

सीवर लाइन के चलते बीएचयू ट्रामा सेंटर परिसर में भी बाढ़ का पानी भरने लगा है। वरुणा किनारे के एक दर्जन से अधिक मोहल्लों, ग्रामीण क्षेत्रों में गंगा और गोमती के तटवर्ती गांवों में भी हालत बिगड़ते जा रहे हैं। बाढ़ के चलते आधा दर्जन स्कूलों में पठन-पाठन बाधित हो गया है। केन्द्रीय जल आयोग ने शुक्रवार आधी रात के बाद जलस्तर के खतरे के निशान पार कर लेने की संभावना जताई है। आयोग ने जलस्तर में फिलहाल बढ़ोतरी जारी रहने का भी संकेत दिया है।
गंगा में लगातार उफान के चलते सामने घाट क्षेत्र की कॉलोनियों से लोगों का सुरक्षित स्थानों पर विस्थापन तेज हो गया है। जिला प्रशासन उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाने में मदद कर रहा है। एनडीआरएफ और पुलिस टीमों ने राहत सामग्रियों के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी है। शुक्रवार को जल शक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने वरुणा के बाढ़ प्रभावित इलाकों में दौरा किया। राहत शिविर भी देखे, राहत सामग्रियों का वितरण करने के साथ अफसरों को अपेक्षित सुविधाएं मुहैय्या कराने का निर्देश दिया।
06 बजे शाम-
15 सेंमी नीचे था जलस्तर खतरे के निशान (71.262 मीटर) से
71.11 मीटर पर पहुंचा था जलस्तर
03 सेंमी प्रति घंटे की गति से गंगा में हो रही है वृद्घि
73.901 मीटर है अधिकतम बाढ़ स्तर सन-1978 का
सैकड़ों बुनकरों के सामने रोजी-रोटी का संकट
वरुणा में उफान के चलते पुरानापुल से बघवा नाला तक पांच हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हो गए हैं। सबसे ज्यादा झटका बुनकरों को लगा है। घरों में पानी भरने से लूम बंद हो गए हैं। दानियालपुर, पुल कोहना, शैलपुत्री, सिधवा घाट, तिनपुलिया, ऊंचवा, बघवा नाला के निचले इलाकों से होता हुआ पानी ऊपर आबादी की ओर बढ़ चला है। प्रभावित क्षेत्रों के लोग कहीं टेंट लगाकर तो कहीं किसी परिचित के भरोसे दिन गुजार रहे हैं।
कॉलोनियों में चार फीट तक पानी
ज्ञान प्रवाह नाला से आए गंगा के बाढ़ के पानी से गंगा मारुति नगर, गायत्री नगर, काशीपुरम विस्तार कॉलोनियों के तीन दर्जन से अधिक मकान घिर गए हैं। सड़कों पर पानी चार फीट तक लग गया है। मारुति नगर में फंसे रमेश झा, दिलीप बहादुर सिंह, मुन्ना सरदार, डालू पटेल घर ने नाव की मांग की है। बाला जी नगर मोड़ से पानी सीवर लाइन के जरिए कॉलोनी में चला आया है। नगवां की गंगोत्री विहार लेन-एक और संगमपुरी में एक दर्जन मकान घिर गए हैं। नगवां सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में पानी घुस गया। नगवा प्राथमिक विद्यालय और अस्सी गोयनका विद्यालय में राहत शिविर बने हैं।
शिविर में लोग हो रहे बीमार
सारनाथ। बाढ़ से प्रभावित लोग सरैया स्थित प्राथमिक विद्यालय व तीन मदरसों में बने राहत शिविर में रह रहे हैं। ये लोग सर्दी, बुखार से पीड़ित हैं। शिविर प्रभारी ने बताया कि शुक्रवार को 36 बीमार लोगों को निःशुल्क दवाएं दी गईं।
60 एकड़ में लगी सब्जी डूबी
बाढ़ से रमना गांव की 60 एकड़ से अधिक क्षेत्र में लगीं सब्जियां व अन्य फसलें डूब गईं। रमना में बने श्मशान घाट के दस फीट ऊपर पानी का बहाव है। किसान अब घरों के सामान को सुरक्षित करने में जुट गए है। एडीएम व एसडीएम ने बाढ़ग्रस्त इलाके का दौरा किया।
शिविर से गायब मिले कर्मचारी
नगर निगम के जोनल अधिकारी राजेश अग्रवाल शुक्रवार को अस्सी और नगवा विद्यालय में बने राहत शिविरों की व्यवस्था जानने पहुंचे। उन्हें वहां तैनात लेखपाल, सुपरवाइजर और सफाईकर्मी नदारद मिले। इन सभी को फोन कर तत्काल मौके पर बुलाया और जमकर फटकार लगाई। उन्होंने इनके खिलाफ रिपोर्ट भेजने की बात कही।
बाढ़ प्रभावित का किया दौरा
सीएचसी चोलापुर के अधीक्षक डॉ. आरबी यादव ने बाढ़ प्रभावित मठिया, हरिहरपुर, धौरहरा, भगवानपुर, पिपरी का दौरा किया। बाढ़ चौकियों पर दवा की उपलब्धता जांची। डॉक्टरों की सात टीमें बाढ़ चौकियों पर लगाई गई हैं। इनमें छह मोबाइल टीमें हैं।
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