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प्रत्येक जिले से 150 प्राइमरी स्कूलों के का होगा सर्वेक्षण
लखनऊ: प्रदेश भर के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का आकलन 48 सवालों से किया जाएगा. इन सवालों में बच्चे के व्यवहार से लेकर पढ़ाई के रुझान तक को समाहित किया गया है. बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का आकलन करने के लिए सवालों का प्रारूप निदेशक मनोविज्ञानशाला की ओर से सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेज दिया गया है. प्रथम चरण में प्रत्येक जिले से 150 स्कूलों सर्वेक्षण किया जाएगा. रिपोर्ट के बाद होगा मूल्यांकन परिषदीय विद्यालयों से सवाल के जवाब के आधार पर मिलने वाली रिपोर्ट का मूल्यांकन मनोविज्ञानशाला के विशेषज्ञ करेंगे.
जिसके बाद बच्चों की लर्निंग स्किल पर काम किया जाएगा. साथ ही कमजोर बच्चों को बराबरी पर लाने के लिए विशेष प्लान तैयार करने की योजना बनायी जाएगी.
जवाब के लिए पांच विकल्प बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का आकलन करने के लिए शिक्षकों को जिम्मेदारी दी जाएगी. प्रत्येक सवाल के जवाब के लिए पांच विकल्प हैं. जवाब के विकल्प में सहमत, असहमत, तटस्थ, पूरी तरह सहमत, पूरी तरह असहमत शामिल हैं.
बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेजे गए पत्र में साफ लिखा गया है कि मानसिक स्वास्थ्य आकलन का डाटा गोपनीय रहेगा.
पूछे जाने वाले प्रमुख प्रश्न:
● अपनी क्षमता से भली-भांती परिचित हैं
● क्लास में निरंतर बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रयास करता है
● शिक्षक के नाराज होने पर शांत रहता है
● विद्यार्थी सुस्त रहता है
● कोई प्रिय मित्र नहीं है
● अपने कार्य सुचारू रूप से करता है
परिषदीय विद्यालय के बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य आकलन किया जा रहा है. 48 सवालों का प्रारूप विद्यालयों को भेजा रहा है. अरुण कुमार, बेसिक शिक्षा अधिकारी