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लखनऊ | बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी के शीर्ष पदाधिकारी के साथ बैठक किया और बैठक में 8 मुख्य बिंदुओं पर चर्चा की गई। पार्टी से कार्यकर्ताओं और जिलाध्यक्ष के लिए दिशा निर्देश भी जारी किया साथ ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने सत्ताधर पार्टी पर निशाना साधा जिस के उत्तर प्रदेश की राजनीति में चर्चा का केन्द्र बना है ।
आइये नजर डालते है कि बसपा सुप्रीमो ने क्या – क्या कहा
उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी द्वारा अपनी जनविरोधी नीतियों व गलत कार्यकलापों से चुनावों पर प्रभाव कम करने के उद्देश्य से सरकारी मशीनरी के बढ़ते दुरुपयोग और द्वेषपूर्ण व दमनकारी व्यवहार
जबरदस्त महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, गलत सरकारी नीति से त्रस्त जनता आने वाला समय लोकतंत्र के लिए अति चिन्तजनक
इनके विरुद्ध सतर्क रहने की ठोस रणनीति के हिसाब से आगे लोकसभा आमचुनाव के लिए तैयारी करने के लिए मायावती ने प्रदेश के सभी छोटे-बड़े पदाधिकारियों तथा मण्डल व जिला अध्यक्षों की विशेष बैठक में फीडबैक लेने के बाद जरूरी दिशा-निर्देश दिये
बी.एस.पी. को इस प्रकार की कठिन चुनौतियों का सदा ही सामना करना पड़ा है,
लेकिन बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के कारवों को बिना थके, बिना रूके, बिना हिम्मत हारे चुनाव जीतकर सत्ता प्राप्ति के जरिये अपना उद्धार खुद करने योग्य बनने के मिशनरी
पार्टी के लक्ष्य के लिए पूरी लगन व तन, मन, धन से लगातार लगे रहना है।
यूपी निकाय चुनाव में तमाम विपरीत हालात का सामना करते हुए बी.एस.पी. को समर्थन के लिए लोगों का तहेदिल से आभार व शुक्रिया। सत्ताधारी बीजेपी चाहे जो भी दावा करे, वास्तविकता यह है कि ओबीसी आरक्षण तथा महिला सीटों के आरक्षण सहित शुरू से लेकर अन्त तक इस चुनाव को भी हर प्रकार से मैनेज व मैनुपुलेशन करने का प्रयास किया
‘वोट हमारा राज तुम्हारा के प्रचलित हालात को आगामी लोकसभा आमचुनाव के मद्देनजर बदलने के प्रयास को गाँव-गाँव तक और तेज़ व तीव्र करने की जरूरत
बी.एस.पी. दूसरी पार्टियों की तरह, बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों के इशारों पर कार्य नहीं करती है और इसीलिए पार्टी की आर्थिक मजबूती पर भी ध्यान देने की बैठक में अपील
साथ ही, चुनाव आयोग से खासकर सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग तथा संविधान व कानून के खिलाफ धर्म का राजनीति में बढ़ते प्रभाव पर प्रभावी अंकुश लगाने की बी.एस.पी. की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद मायावती की माँग