उत्तर प्रदेश

स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए उपयोगी है श्री अन्न: डॉ अवनीश

Admin Delhi 1
27 March 2023 11:19 AM GMT
स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए उपयोगी है श्री अन्न: डॉ अवनीश
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प्रतापगढ़: अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स इयर के चलते पूरे विश्व में श्री अन्न के प्रति किसानों और आम नागरिकों में जागरूकता पैदा की जा रही है। इसी कड़ी में आयुर्वेद विभाग द्वारा पोषण पखवाड़ा के अंतर्गत "श्री अन्न एवं सुपोषण" विषय पर संगोष्ठी का आयोजन समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोहंडोर मे किया गया। राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय रामापुर के प्रभारी चिकित्साधिकारी डा अवनीश पाण्डेय ने बताया कि स्वास्थ्य और पोषण की दृष्टि से श्री अन्न बहुत महत्वपूर्ण हैं। इसलिए आज इनको सुपरफूड और पोषक अनाज कहा जा रहा है। श्री अन्न प्राचीन काल से हमारे एग्रीकल्चर, कल्चर और सिविलाइज़ेशन का हिस्सा रहे हैं।

भारत में बाजरा, ज्वार, सावा, कुटकी, कोदो, रागी, कंगनी, चीना, कुट्टू प्रमुख रूप से पैदा किए जाते हैं जिनका आयुर्वेद ग्रंथो और निघंटुओं मे क्षुद्र धान्य या तृण धान्य के रूप मे वर्णन है।

मिलेट्स भूमि की उर्वरा शक्ति को बढाने में योगदान करता है साथ ही इसकी खेती पर्यावरण को भी संरक्षित करती है। मिलेट्स मानव और मिट्टी, दोनों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने की गारंटी देते हैं।श्री अन्न विशुद्ध जैविक है क्योंकि रासायनिक खाद कीटनाशकों का प्रयोग नहीं किया जाता है। श्री अन्न ग्लूटेन रहित होता है जिससे यह आसानी से पच जाता है।इसके साथ ही कोलन कैंसर, सिलियक डिजीज से भी बचाव करता है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होने की वजह से मधुमेह रोगियों के लिए लाभकारी हैं। ये हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता, ओज को बढ़ाते हैं।श्री अन्न एनीमिया मोटापा मधुमेह हाइपरटेंशन कैंसर, कोरोनरी हार्ट डिसीज, कोलेस्ट्रॉल की समस्या ओस्टियोआर्थराइटिस एवं अन्य लाइफस्टाइल डिसऑर्डर में लाभकारी हो सकता है।कैल्शियम अधिक होने से हड्डियों को मजबूत बनाता है। बच्चों एवं प्रजनन आयु वर्ग की महिलाओं के लिए लाभकारी है।

बीसीपीएम सुरभि जायसवाल ने कहा कि महिलाएं परिवार की धुरी हैं इसलिए इन्हें स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहना होगा।गर्भवती महिलाओं में कैल्शियम आयरन सप्लीमेंट के रूप में देना पड़ता है,बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं। श्री अन्न इन सभी समस्याओं के लिए समाधान हो सकता है क्योंकि इसमे आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन्स, फाइबर एवं अन्य न्यूट्रिएंट्स लाभकारी हो सकते हैं। इस अवसर पर आशा कार्यकत्रियों को भोजन की थाली मे मोटे अनाज के प्रयोग की शपथ दिलाई गयी।

संगोष्ठी में स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी इन्द्रदेव, डीईओ रत्नेश पाण्डेय, बीपीसीएम सुरभि जायसवाल, फार्मासिस्ट सुनील कुमार पाण्डेय, राजेश कुमार उपस्थित रहे।

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