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लिटरेरी फेस्टिवल में लघु कथा, क्रांतिधरा का इतिहास और नदियों पर हुई चर्चा
मेरठ न्यूज़: लिटरेरी फेस्टिवल के छठे संस्करण के अंतर्गत चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के वृहस्पति भवन में दूसरे दिन इन्द्रधनुषी रंग दिखा। लघुकथा, इतिहास, नदियों पर चर्चाएं की गई। अंतिम सत्र में कवि सम्मेलन किया गया। संचालन डा.रामगोपाल भारतीय द्वारा किया गया। अध्यक्षता प्रोफेसर नवीन चंद्र लोहनी और आयोजन डा. विजय पंडित ने किया। कैराना की डॉ शिखा कौशिक नूतन के लघुकथा संग्रह काली सोच का विमोचन किया गया और उनके द्वारा प्रेम की अभिव्यक्ति लघुकथा का वाचन किया गया। गाजियाबाद से पधारे डाक्टर बलराम अग्रवाल, नेपाल के डॉ पुष्कराज भट्ट, दिल्ली की अलका शर्मा ने भी सत्र में अपने विचार व्यक्त किए। दूसरे सत्र में क्रांति धरा मेरठ का ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व पर चर्चा हुई। जिसका संचालन एयरफोर्स से सेवानिवृत्त इतिहासकार ए के गांधी ने किया। इतिहासकार विघ्नेश त्यागी ने बताया कि कैसे मेरठ से 1857 की क्रांति की कैसे तैयारी की गई, कैसे भड़की और पल्लवित हुई। मेरठ का नाम कैसे मयराष्ट्र से अपभ्रंश होकर मेरठ बना इसकी बहुत ही सुन्दर जानकारी दी। तृतीय सत्र में भारतीय संस्कृति-नदियां-समाज की भूमिका पर परिचर्चा आयोजित की गई।
पत्रकारिता, आमजन-एक फासला विषय पर परिचर्चा आयोजित की गई, जिसका संचालन मेरठ के यशस्वी साहित्यकार डाक्टर राम गोपाल भारतीय ने किया। परिचर्चा का शुभारंभ दैनिक जनवाणी के मुख्य संवाददाता ज्ञान प्रकाश ने किया। अमर उजाला के संपादक राजेंद्र सिंह, दैनिक जागरण के संपादक रवि प्रकाश तिवारी और हिंदुस्तान के संपादक सूर्यकांत द्विवेदी ने पत्रकारिता के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कई मुद्दों पर चर्चा की। इस अवसर पर लखनऊ के पत्रकार मनीष कुमार शुक्ल की पुस्तक न्यूज रूम का चाट मसाला का भी विमोचन हुआ। कार्यक्रम के अंतिम पंचम सत्र में अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसका संचालन मेरठ महिला काव्य मंच की अध्यक्षा सुषमा सवेरा ने किया। जिसमें मेरठ के मनोज कुमार मनोज, यशपाल कौत्सायन, नरेंद्र त्यागी नीर सत्यपाल सत्यम, डोरी लाल भास्कर, रितिक कुमार ठाकुर, मुक्ता शर्मा, हिमानी शर्मा, सुषमा सवेरा, प्रमोद मिश्र निर्मल तथा नेपाल के हयग्रीव आचार्य, माधव पोखरेल, हेमंत ढुग्डेल, किशन पौडेल आदि ने काव्य पाठ कर श्रोताओं को काव्य गंगा में डुबकी लगवाई। कार्यक्रम आयोजक विजय पंडित तथा पूनम पंडित ने सबका आभार प्रकट किया।