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उत्तर प्रदेश
सहारनपुर : MBBS के 12 छात्रों ने राष्ट्रपति से मांगी इच्छा मृत्यु, जानें मामला
Renuka Sahu
2 Feb 2022 2:26 AM GMT
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फाइल फोटो
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में ग्लोकल मेडिकल कॉलेज के MBBS के 12 छात्रों ने भारत के राष्ट्रपति को ज्ञापन भेज कर इच्छा मृत्यु की मांग की है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सहारनपुर (Saharanpur) जिले में ग्लोकल मेडिकल कॉलेज के MBBS के 12 छात्रों ने भारत के राष्ट्रपति (President Of India) को ज्ञापन भेज कर इच्छा मृत्यु (Euthanasia) की मांग की है. चूंकि बीच में पढ़ाई बंद होने से परेशान मेडिकल कॉलेज के छात्र काफी परेशान है. इस दौरान उन सभी लोगों ने उन्होंने कलक्ट्रेट में पहुंचकर सिटी मजिस्ट्रेट को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया. इस दौरान छात्रों ने कॉलेज प्रबंधन पर उनका भविष्य बर्बाद करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि एमसीआई ने मान्यता खत्म कर दी. ऐसे में फिर भी गुमराह करके उन्हें पढ़ाते रहे. हालांकि अब उनका भविष्य अंधकार में है.
दरअसल, सहारनपुर जिले के गांव महेशपुर के रहने वाले छात्र शिवम शर्मा, सहारनपुर के विभोर गोस्वामी, मुजफ्फरनगर के रहने वाले रिजवान और विज्ञनेश ने मंगलवार को कलक्ट्रेट पहुंचकर सिटी मजिस्ट्रेट विवेक चतुर्वेदी को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया. इस दौरान ज्ञापन में इन समेत 12 छात्र-छात्राओं के प्रार्थना पत्र राष्ट्रपति के नाम थे. फिलहाल इन छात्रों ने राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु प्रदान करने की मांग की है. चूंकि नीट क्वालीफाई करने के बाद साल 2016 में 66 छात्रों ने सहारनपुर के ग्लोकल मेडिकल कॉलेज में MBBS में एडमिशन लिया था. छात्रों का दावा है कि एडमिशन से पहले छात्रों की काउंसिलिंग भी हुई. ऐसे मे 3 महीने बाद ही एमसीआई ने मान्यता रद्द कर दी. फिलहाल इसकी सूचना छात्रों को नहीं देकर कॉलेज प्रशासन लगातार 5 साल तक पढ़ाई कराता रहा.
पढ़ाई पूरी करने के एक साल पहले पढ़ाई कराई गई बंद करा दी गई
वहीं, इन छात्राओं ने बताया कि नीट पास करने के बाद उनके एडमिशन 2016 में ग्लोकल मेडिकल कॉलेज में हुए थे. इस दौरान आरोप लगाया कि पढ़ाई पूरी करने के एक साल पहले पढ़ाई बंद करा दी गई. एमसीआई ने उनकी पढ़ाई पर रोक लगाई. ऐसे में छात्रों ने आरोप लगाया कि कॉलेज प्रबंधन ने उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं दी. हालांकि उन्हें कोर्ट से भी राहत नहीं मिल सकी. ऐसे में उनका जीवन अंधकारमय हो गया है, इसलिए वो इच्छा मृत्यु की मांग करते हैं.
छात्रों के साथ है यूनिवर्सिटी आज भी पढ़ाना चाहती है : वाइस चांसलर
बता दें कि ग्लोकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर अखिल अहमद ने बताया कि यह मामला पहले भी कोर्ट में जा चुका है, जहां पर यह निरस्त हो गया था. ऐसे में जो भी छात्र हैं उनको यूनिवर्सिटी पहले भी पढ़ाना चाहती थी और आज भी पढ़ाना चाहती है. वहीं. यूपी शासन ने इन्हीं छात्रों की शिकायत पर हमारी एनओसी निरस्त की है. उसके बाद वो अपना ट्रांसफर कराने के लिए आते हैं. फिलहाल इस मामले में छात्र हाई कोर्ट इलाहाबाद फिर उसके बाद सुप्रीम कोर्ट भी गए, जहां से इनका मुकदमा खारिज हो चुका है. उसके बाद भी ग्लोकल यूनिवर्सिटी इन छात्रों के साथ है.
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