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दुनिया के विश्वविद्यालयों में शामिल होने की दौड़ में रुहेलखंड विश्वविद्यालय
बरेली: महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय अपनी रैंकिंग में सुधार के हर संभव प्रयास कर रहा है। पिछले वर्ष एनआईआर (नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क) में भाग लेने के बाद इस वर्ष विश्वविद्यालय ने क्यूएस यूनिवर्सिटी वर्ल्ड रैंकिंग में हिस्सा लिया है। शिक्षकों और कर्मचारियों के अच्छे अनुभव के आधार पर विश्वविद्यालय प्रथम चरण क्यूएस पोर्टल में पास हो गया है और उसे दूसरे चरण क्यूएस हब में हिस्सा लेने का मौका मिला है। इसमें आवेदन की अंतिम तिथि 6 फरवरी है। विश्वविद्यालय ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है और जल्द ही पूरा डाटा अपलोड कर दिया जाएगा। इस बार विश्वविद्यालय ने एनआईआरएफ में ओवरआल, फार्मेसी और इंजीनियरिंग में भी आवेदन किया है। इसके डेटा के सत्यापन के लिए विश्वविद्यालय के पोर्टल पर भी अपलोड कर दिया गया है।
विश्वविद्यालय की इंस्टीट्यूशन डेवलपमेंट, प्लानिंग एंड रैंकिंग सेल और एनआईआरएफ सेल की समन्वयक एसो. प्रो. डा. क्षमा पांडेय ने बताया कि विश्वविद्यालय ने इस बार क्यूएस यूनिवर्सिटी वर्ल्ड रैंकिंग के लिए आवेदन किया है। प्रथम चरण में क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी के पोर्टल पर शिक्षकों और कर्मचारियों का अनुभव देखा जाता है। इसके लिए 400 शिक्षकों और 400 कर्मचारियों की ईमेल आईडी दी गईं। इन ईमेल आईडी से संपर्क कर जानकारी लेने के बाद ही दूसरे चरण में प्रवेश की अनुमति दी जाती है। दूसरे चरण में क्यूएस हब में डेटा फीड किया जाता है।
इसमें विश्वविद्यालय की पूरी जानकारी, शोध, प्लेसमेंट समेत अन्य जानकारी दी जाती हैं। इसी आधार पर रैंकिंग जारी की जाती है। कुछ दिनों पूर्व ही प्रदेश सरकार के द्वारा आवेदन करने वाले चार विश्वविद्यालयों के साथ समीक्षा बैठक की गई थी। इसमें एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय और लखनऊ विश्वविद्यालय के डेटा को बेहतर बताया गया है। इसमें चंडीगढ़ से भी एक्सपर्ट शामिल हुए थे।
विश्वविद्यालय ने इस बार एनआईआरएफ में तीन वर्गों में आवेदन किया है, जिसमें ओवरऑल, इंजीनियरिंग और फार्मेसी शामिल हैं। इस बार विधि और प्रबंधन में आवेदन नहीं किया गया है, इसकी वजह, इनमें रेग्युलर फैकल्टी व अन्य कुछ कमियां हैं। इन दोनों में अगले वर्ष आवेदन किया जाएगा। एनआईआरएफ ने अब तीनों वर्गों के डेटा को वेरीफाई के लिए विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर डेटा अपलोड करने के निर्देश दिए हैं, ताकि लोग इसके बारे में जान सकें और डेटा सत्यापित किया जा सके। विश्वविद्यालय को इस बार एनआईआरएफ में रैंकिंग मिलने की उम्मीद है। ओवरऑल रैकिंग में विश्वविद्यालय ने परिसर ने शोध में प्रवेश, शिक्षकों की सूची, यूजी और पीजी में प्रवेशित छात्रों की संख्या, पेटेंट की संख्या, नैक रैकिंग व अन्य जानकारी दी है। इसी तरह से फार्मेसी और इंजीनियरिंग वर्ग में भी सूचना दी गई है।
विश्वविद्यालय की रैंकिंग में सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं। एनआईआरएफ के साथ इस बार क्यूएस यूनिवर्सिटी रैंकिंग में भी आवेदन किया है।-प्रो. केपी सिंह, कुलपति एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय