उत्तर प्रदेश

थाली से गायब होने लगी दाल, सब्जी भी पहुंच से हुई दूर

Admin Delhi 1
28 Jun 2023 6:48 AM GMT
थाली से गायब होने लगी दाल, सब्जी भी पहुंच से हुई दूर
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आगरा न्यूज़: बारिश का असर थाली पर आया है. उपज प्रभावित होने की वजह से सब्जियों के दाम आसमान पर हैं. वहीं दूसरी तरफ मुनाफाखोरों की सक्रियता ने विकल्प में प्रयोग होने वाली दालों को महंगा कर दिया है. हालत ऐसे हैं कि टमाटर, बैंगन, भिंडी, टिंडा, तोरई, लौकी, काशीफल आदि सब्जियों के दाम डेढ़ से दो गुने तक हो गए हैं. सबसे ज्यादा महंगाई टमाटर पर है.

आढ़ती मनीष कुमार ने बताया कि टमाटर के अधिकतम दाम रहे. अच्छी गुणवत्ता का टमाटर 1200 रुपये प्रति क्रेट तक रहा. एक क्रेट में 26-28 किलो टमाटर रहता है. संडे को क्रेट 900 रुपये के स्तर पर रही. छोटे साइज के टमाटर की क्रेट का दाम 700 रुपये के स्तर पर रहा. मांग स्थिर होने से तेजड़िए हावी नहीं हो सके.

दस रुपये किलो तक बढ़ गए दाम हरी सब्जियों पर भी मौसम के बदलाव का असर नजर आया. 20 से 30 रुपये किलो में बिक रही सब्जियां 40-50 रुपये किलो पर पहुंच गईं. लौकी के दाम भी 30 और अरबी का दाम 80 रुपये किलो के स्तर पर पहुंच गया. मिर्ची 50-60 रुपये किलो और धनिये में मामूली वृद्धि रही.

फसल का गणित जमाखोरों को बड़ी कमाई की राह दिखा रहा है. असर बाजार में साफ दिख रहा है. स्टॉक में रखी अरहर दाल एक महीने से कुछ अधिक की अवधि में 115 रुपये किलो से बढ़कर 145 रुपये किलो के स्तर पर पहुंच गई है. नई उपज में अभी छह महीने शेष हैं. यदि सरकारी अंकुश नहीं रहा तो अरहर दाल के दाम सर्वोच्च स्तर तक पहुंच सकते हैं.

दाल विक्रेताओं के अनुसार बड़े स्टॉकिस्ट देश के महानगरों में हैं. इनके द्वारा बिना किसी कारण के एक दो रुपये करते हुए दाल के दाम बढ़ा दिए गए. इनके द्वारा बाजार में कृत्रिम रूप से महंगाई को हवा दी जा रही है. ताकि पहले से खरीदे गए स्टॉक के अधिकतम दाम वसूल सकें. जिन विभागों को इन पर नियंत्रण की जिम्मेदारी दी गई है, उनके द्वारा इनके स्टॉक की नियमित जांच नहीं की जा रही.

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