उत्तर प्रदेश

एमएमजी में थायराइड की जांच न होने से परेशानी बढ़ी

Admin Delhi 1
6 Oct 2023 4:55 AM GMT
एमएमजी में थायराइड की जांच न होने से परेशानी बढ़ी
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गाजियाबाद: एमएमजी अस्पताल की पैथोलॉजी लैब में डेढ़ माह बाद भी थायराइड और विटामिन की जांच शुरू नहीं हो पाई है. पहले अर्थिंग की समस्या और अब बिजली आपूर्ति उपकरण के न आने की वजह से मशीन से जांच का काम शुरू नहीं हो पाया है. इससे हर दिन करीब 550 जांच नहीं हो पा रही है. मरीजों को महंगी जांच बाहर से करानी पड़ रही हैं.

एमएमजी अस्पताल की पैथोलॉजी लैब को लखनऊ की पीओसीटी कंपनी द्वारा संचालित किया जा रहा है. अस्पताल में थाइराइड और विटामिन की जांच के लिए पिछले डेढ़ महीने से सैंपल नहीं लिए जा रहे. हार्मोनल मशीन में अर्थिंग की समस्या की वजह से इसे बंद कर दिया गया है.

हार्मोनल जांच में थाइराइड और सभी प्रकार के विटामिन (डी-3, बी-3) की जांच होती है. सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं को रही है. थाइराइड के ज्यादा और कम होने से गर्भस्थ शिशु पर गंभीर प्रभाव पड़ते हैं. इससे बच्चे का विकास प्रभावित होता है. साथ ही बच्चा अपंग, मंदबुद्धि और अन्य रूप से विकारयुक्त भी हो सकता है. जिले में सरकारी स्तर पर केवल एमएमजी अस्पताल में ही थाइराइड और विटामिन की जांच होती है. महिला अस्पताल से भी गर्भवती महिलाओं को इन जांच के लिए एमएमजी अस्पताल भेजा जाता है. इसके अलावा संयुक्त अस्पताल से भी इन जांच के लिए मरीजों को रेफर किया जा रहा है. अस्पताल में रोजाना थायराइड के 200 और विटामिन के 350 से ज्यादा लोग जांच नहीं करा पा रहे हैं.

पीपीपी मॉडल पर संचालित

लखनऊ की कंपनी पीओसीटी एमएमजी अस्पताल की पैथोलाजी लैब को पीपीपी मॉडल पर संचालित कर रही है. हार्मोनल मशीन में अर्थिंग की समस्या के चलते इंजीनियरों ने काफी माथापच्ची करने के बाद लैब में नए सिरे से लाइन बिछा दी. इससे अर्थिंग की समस्या तो खत्म हो गई, लेकिन अब एक पार्ट मुंबई से आने के कारण मशीन ठीक नहीं की जा सकी है.

मुंबई से मशीन का एक पार्ट आना है. वह लखनऊ पहुंच गया है. एक-दो दिन में पावर सप्लाई बोर्ड लैब को मिल जाएगा. इसके बाद इंजीनियर पार्ट को लगाकर मशीन को शुरू कर देंगे और जांच का काम शुरू हो जाएगा. -डॉ. मनोज चतुर्वेदी, सीएमएस, एमएमजी अस्पताल

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