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- मलेरिया उन्मूलन की ओर...
इलाहाबाद: वह दिन दूर नहीं जब मलेरिया जैसी संक्रामक बीमारी से जिला पूरी तरह मुक्त हो जाएगा. पिछले चार सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो मलेरिया से पीड़ितों की संख्या लगातार घटी है. 2019 में सबसे अधिक मलेरिया के 1573 मरीज मिले थे, जो वर्ष 2022 में घटकर 187 पर सिमट गए. इस साल अभी तक 48 मरीजों की पहचान हो सकी है.
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. एके सिंह बताते हैं कि मलेरिया पर नियंत्रण के लिए आउटब्रेक रिस्पांस टीम सक्रिय है. इसके साथ 4500 आशा कार्यकत्रियों की टीमें घर-घर सर्वे, जांच और संक्रमितों के इलाज में सहयोग करती रही हैं. विभाग की ओर से पिछले साल मलेरिया प्रभावित जसरा और मेजा में 10 मीट्रिक टन डीडीटी का छिड़काव करवाया गया था.
इसी के साथ-साथ 600 लीटर एंटी लार्वा और 800 लीटर पारेथ्रम का भी छिड़काव जिले के अलग-अलग हिस्सों में हुआ था. मलेरिया संक्रमण की जांच के लिए आशा कार्यकत्रियों और सभी सीएचसी, पीएचसी व स्वास्थ्य केंद्रों पर एक लाख रैपिड डायग्नोस्टिक किट उपलब्ध कराई गई थी. मौजूदा समय में जिले में सबसे अधिक एडीज मच्छर का प्रकोप दिख रहा है.
यही वजह है कि वर्ष 2022 में डेंगू बीमारी आउटब्रेक हो गई थी. जिले में 1465 डेंगू के मरीज मिले थे. मलेरिया और डेंगू से बचने का सबसे कारगर तरीका मच्छरदानी, मच्छररोधी लिक्विड का इस्तेमाल है. घरों और आसपास जल जमाव नहीं होने दें.
चार सालों में हुई मलेरिया जांच और मिले मरीज
वर्ष जांच मरीज
2019 1,54400 1573
2020 41,800 208
2021 78,900 274
2022 2,12000 187
2023 जुलाई तक 1, 12897 48