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सोशल मीडिया में ट्रेंड कर रहे प्रभाकर चौधरी, 13 साल में 21 ट्रांसफर
बरेली न्यूज़: जोगीनवादा बवाल में कांवड़ियों पर लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने के बाद हटाए गए एसएसपी प्रभाकर चौधरी सोशल मीडिया पर जमकर ट्रेंड कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि ईमानदार छवि के चलते 13 साल में उनके 21 ट्रांसफर किए गए. वहीं, कुछ लोग कांवड़ विवाद को न सुलझा पाने को लेकर भी उन्हें निशाना बना रहे हैं.
आईपीएस प्रभाकर चौधरी का ट्रांसफर सोशल मीडिया पर टॉप ट्रेंड में रहा. कांवड़ियों पर लाठीचार्ज के महज चार घंटे के भीतर उनका तबादला कर उन्हें 32वीं वाहिनी पीएसी लखनऊ में ट्रांसफर कर दिया गया. कहा जा रहा है कि प्रभाकर चौधरी अपनी ईमानदार छवि के चलते किसी भी जिले में ज्यादा नहीं टिक पाते हैं. यही वजह है कि 13 साल के कार्यकाल में उनका 21वां ट्रांसफर हुआ है. बरेली में वह करीब चार महीने कप्तान रहे. उनका सर्वाधिक कार्यकाल मेरठ में करीब एक साल रहा. इस बीच वह बरेली, देवरिया, बिजनौर, बलिया, बुलंदशहर आदि जिलों में कप्तान रहे और बाकी जिलों में अन्य जिम्मेदारियां संभालीं.
प्रधानमंत्री के साथ वायरल हो रहा फोटो
सोशल मीडिया पर प्रभाकर चौधरी को हीरो बनाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनका हाथ मिलाते हुए एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. अधिक से अधिक लोग इसे शेयर कर रहे हैं. मगर इसके साथ ही कुछ लोग उन पर कार्रवाई को सही ठहरा रहे हैं. इन लोगों का कहना है कि बेशक वह ईमानदार कप्तान थे लेकिन पुलिस-प्रशासन जोगीनवादा का बवाल रोकने में नाकाम हो गया. ऐसे में सरकार की ओर से उठाया गया यह कदम उचित है. लापरवाही पर तो कार्रवाई होनी ही चाहिए.
लाठीचार्ज को ले डीएम पर उठाए जा रहे सवाल
वहीं दूसरी ओर इस बवाल को लेकर सोशल मीडिया पर लोग डीएम शिवाकांत द्विवेदी की भी घेराबंदी कर रहे हैं. उनका कहना है कि यह पुलिस और प्रशासन दोनों की नाकामी है, फिर कार्रवाई अकेले एसएसपी पर ही क्यों की गई, जबकि लाठीचार्ज डीएम के आदेश पर किया गया. इसको लेकर कुछ लोगों ने डीएम पर कार्रवाई की मांग करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मुख्य सचिव और डीजीपी को ट्वीट भी किया है. उनका कहना है कि जिलाधिकारी पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.