उत्तर प्रदेश

जमीन को लेकर एनजीटी भी सख्त, आखिर किसकी जवाबदेही

Admin Delhi 1
2 Dec 2022 10:24 AM GMT
जमीन को लेकर एनजीटी भी सख्त, आखिर किसकी जवाबदेही
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मेरठ न्यूज़: परतापुर से लेकर मोदीपुरम तक ग्रीन वर्ज है, जिसमें बिल्डिंग बना दी गई है। ग्रीन वर्ज की जमीन को लेकर एनजीटी भी सख्त है, लेकिन ग्रीन वर्ज में बिल्डिंग के निर्माण को आखिर कौन संरक्षण दे रहा है? इसके लिए किसकी जवाबदेही है। मेरठ विकास प्राधिकरण के अधिकारी ग्रीन वर्ज पर तब कार्रवाई करते हैं जब बिल्डिंग बनकर खड़ी हो जाती है। जब ग्राउंड स्तर पर ही बिल्डिंग का निर्माण चलता है, उसको तभी रोका जाना चाहिए। तब कार्रवाई नहीं की जाती हैं, जिसके चलते जब बिल्डिंग पर लिंटर गिर जाता है, इसके बाद ही मेरठ विकास प्राधिकरण के इंजीनियरों की नींद टूटती है। इस तरह से मेरठ विकास प्राधिकरण अवैध निर्माण को बढ़ावा दे रहा हैं। ग्रीन वर्ज में भी सख्ती नहीं की जा रही है। परतापुर से जैसे ही रुड़की रोड की तरफ को चलेंगे, तभी सड़क के दोनों तरफ ग्रीन वर्ज में तमाम अवैध निर्माण कर दिये गए हैं। ढाबे और अन्य निर्माण हो गए हैं। इन निर्मार्णों पर सील की कार्रवाई कागजों में दर्शाई गई है, लेकिन वर्तमान में बिल्डिंग बनकर तैयार है और कारोबार भी लोगों के चल रहे हैं। जब यह बिल्डिंग बन रही थी, तब सख्ती नहीं की गई, जिसके चलते अब कारोबार भी चालू कर दिये गए।

आखिर कौन जिम्मेदार है, इसके लिए। मेरठ विकास प्राधिकरण के इंजीनियर निर्माण के दौरान आंखों पर पट्टी बांधे क्यों बैठे रहते हैं? जब ग्राउंड स्तर पर ही निर्माण को नहीं रोका जाता तो फिर बाद में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई क्यों की जाती है? बिग बाइट के ठीक सामने बड़ा रेस्टोरेंट बन गया है। 'जनवाणी' ने इससे प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया, लेकिन निर्माण नहीं रुक पाया। अब तो ये रेस्टोरेंट बनकर तैयार हो गया हैं। कभी भी इसका उद्घाटन कर चालू कर दिया जाएगा। कहने को ग्रीन वर्ज हैं, यहां अवैध निर्माण भी एमडीए के इंजीनियर ही करा रहे हैं। इन पर लगाम कौन लगायेगा? थोड़ा आगे चलेंगे तो कई रेस्टोरेंट बन गए हैं। यह सभी ग्रीन वर्ज में है। इसके लिए आखिर किसकी जवाबदेही है। अवैध निर्माण तो हो गए, रेस्टोरेंट्स भी चालू कर दिये गए, लेकिन जिन इंजीनियरों की यहां पर ड्यूटी थी, उन पर कौन कार्रवाई करेगा। जब तक इंजीनियरों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक अवैध निर्माण ग्रीन वर्ज में कैसे रुकेंगे? यह बड़ा सवाल है। हालांकि अभिषेक पांडे ने हाल ही में एमडीए वीसी का पदभार ग्रहण किया है। उन पर भी अवैध निर्माण को रोकने की बड़ी जिम्मेदारी है। अब देखना है कि वह इस अवैध निर्माण की चुनौती से कैसे निपटते हैं? क्या ग्रीन वर्ज में किए जा रहे निर्माण पर रोक लग पाएंगे या फिर इसी तरह से अवैध निर्मार्णों का काम चलता रहेगा।

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