उत्तर प्रदेश

मुसीबत बना नया ट्रैफिक प्लान, गर्मी में पैदल रास्ता तय करने को लोग मजबूर

Admin Delhi 1
15 April 2023 7:31 AM GMT
मुसीबत बना नया ट्रैफिक प्लान, गर्मी में पैदल रास्ता तय करने को लोग मजबूर
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मथुरा न्यूज़: बांके बिहारी मंदिर में उमड़ने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन द्वारा लगाई गई बांस-बल्लियों की स्थायी बैरिकेडिंग छह घंटे में ही ध्वस्त हो गई. स्थिति यह है कि प्रशासन द्वारा किया गया नया प्रयोग लोगों को सुबह से ही रास नहीं आया. दोपहर तक लोगों ने स्थायी बैरिकेडिंग उखाड़ फेंकी.

प्रकरण के अनुसार तड़के विद्यापीठ चौराहे से लेकर जयपुरिया भवन के गेट तक प्रशासन ने सड़क खुदवाकर बांस बल्लियों की स्थायी बैरिकेडिंग लगवा दी. यह बेरीकेडिंग सड़क के किनारे और इंटरलॉकिंग से पहले गड्ढे खुदवाकर दुकानों से ढाई फीट की दूरी पर लगाई गई थी. ऐसे में दुकानदार बैरिकेडिंग के अंदर बंद हो गए थे. सुबह साढ़े सात बजे से लोगों की भीड़ उमड़ना शुरू हुई तो बांस बल्लियों की वजह से दुकानदार अपनी दुकानों में बैठे रहे. दुकान और ग्राहक के बीच बैरिकेडिंग व्यवस्था से दुकानदारी प्रभावित हुई तो लोगों को अपने दो पहिया वाहन इधर-उधर करने में भी दिक्कत महसूस हुई.

महानगर में जाम के झाम से निजात दिलाने को पुलिस प्रशासन द्वारा की जा रही नई यातायात व्यवस्था रिहर्सल में ही फेल नजर आयी. इस व्यवस्था के तहत भूतेश्वर से मसानी तक और डीग गेट से भरतपुर गेट तक ई-रिक्शा व ऑटो पूर्णत प्रतिबंधित कर दिए गए. इसके चलते साधन विहीन लोगों के अलावा श्रद्धालु को भारी मुश्किल उठानी पड़ी. उनको पैदल ही रास्ता तय करने पर मजबूर होना पड़ा.

महानगर के प्रमुख मार्गों को जाम के झाम से मुक्त कराने के लिए यातयात पुलिस ने नई व्यवस्था लागू करने के लिए रिहर्सल किया. इस रिहर्सल के लिए जहां भूतेश्वर से मसानी तक और डीगगेट से भरतपुर गेट की ओर ओटो, ई-रिक्शा का आवागमन पूर्णत प्रतिबंधित कर दिया गया. ये दोनों ही मार्ग ई-रिक्शा व ऑटो से मुक्त हो गए. परिणामस्वरूप जंक्शन रेलवे स्टेशन, नया बस स्टैंड से वृंदावन जाने वालों को गोवर्धन चौराहा से गोकुल रेस्टोरेंट होकर मसानी होते हुए ऑटो व बैटरी रिक्शे तलाशने पड़े. इससे किराया भी कई गुना बढ़ गया. चिलचिलाती धूप में लोग भूतेश्वर से मसानी तक पैदल ही पहुंचे तब जाकर उनको ऑटो व बैटरी रिक्शा मिल सका. उधर, जन्मस्थान के दर्शन के लिए आने वाले हजारों श्रद्धालुओं को भी भूतेश्वर से जन्मस्थान तक पैदल ही आना पड़ा. डीग गेट से भरतपुर गेट की ओर आने वाले भी संसाधनों के अभाव में पैदल ही गंतव्य तक पहुंचने को मजबूर हुए. इनमें महिला, बुजुर्ग व बच्चों का पैदल चलते-चलते हाल-बेहाल हो गया. हाल ये था कि यदि किसी को वृंदावन सवारी लेकर जानी है तो वह भूतेश्वर से कृष्णा नगर होते हुए अग्रवाल रेस्टोरेंट से मसानी होकर आने जाने की व्यवस्था की गयी. हालांकि यह व्यवस्था अभी रिहर्सल के लिए ही थी. इसका इम्पेक्ट देखा गया है, ताकि इस पर निर्णय हो सके ही इस व्यवस्था को लागू करना है या नहीं.

कुछ समझ नहीं आया प्लाननये प्लान के मुताबिक भूतेश्वर से मसानी चौराहा और डीग गेट से भरतपुर गेट चौराहे तक जहां ई-रिक्शा व ऑटो को पूर्णत प्रतिबंधित कर दिया गया, वहीं कार व अन्य चौपहिया वाहनों का आवागमन चालू रखा गया. लोग यह नजारा देखकर हतप्रभ थे, जबकि कार वाले इन मार्गों पर आराम से फर्राटे भरते रहे. इन दोनों ही मार्गों पर चलने वाले 500 से अधिक ऑटो व ई-रिक्शा चालक यह नहीं समझ पाए कि आखिर अब वे किस रूट पर सवारियां ढोकर अपनी रोजी-रोटी चलाएं. इसको लेकर ई-रिक्शा व ओटो चालकों ने आक्रोश जताया है.

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