उत्तर प्रदेश

लखनऊ के डिफेंस कॉरिडोर में तीन साल में बनेंगी 100 से अधिक ब्रह्मोस मिसाइलें

Renuka Sahu
20 Aug 2022 1:13 AM GMT
More than 100 BrahMos missiles to be built in Lucknows Defense Corridor in three years
x

फाइल फोटो 

देश के दूसरे डिफेंस कॉरिडोर में अगले तीन साल में अत्याधुनिक ब्रह्मोस मिसाइलों का निर्माण होने लगेगा।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश के दूसरे डिफेंस कॉरिडोर में अगले तीन साल में (2025 तक) अत्याधुनिक ब्रह्मोस मिसाइलों (ब्रह्मोस एनजी) का निर्माण होने लगेगा। शुरू में 100 से अधिक मिसाइलों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया गया है। पांच से सात साल में 900 करोड़ रुपये की मिसाइलों के उत्पादन का लक्ष्य है। इस बाबत डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) और रसियन कंपनी एनपीओएम के बीच मेमोरंडम ऑफ अंडरटेकिंग (एमओयू) हो चुका है। ये कंपनियां शुरू में 300 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी। इसके लिए कॉरिडोर के लखनऊ नोड में 80 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है। 26 दिसम्बर 2021 को इसका शिलान्यास भी हो चुका है।

निवेशकों को नहीं आएगी पूंजी की दिक्कत
डिफेंस कॉरिडोर परियोजना को गति मिले। इसमें निवेश करने वालों को पूंजी की दिक्कत न आए इसके लिए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, सिडबी, पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा से एमओयू कर चुका है।
93 कंपनियों से यूपीडा एमओयू, 11256 करोड़ का निवेश
अब तक यूपीडा से कुल 93 कंपनियां एमओयू कर चुकी हैं। इससे 11256 करोड़ रुपये का निवेश आएगा। 30 कंपनियों को भूमि आवंटित की गई है, 27 को दी भी जा चुकी है।
डिफेंस कॉरिडोर में निवेश के लिए हुए 93 एमओयू
डिफेंस कॉरिडोर में कुल छह (झांसी, चित्रकूट,कानपुर, अलीगढ़, लखनऊ और आगरा) नोड्स हैं। इकाई लगाने वालों के लिए अब तक करीब 1643 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की जा चुकी है। इसमें से करीब 1600 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण हो चुका है। निवेश के लिए कुल 93 एमओयू भी हो चुके हैं। इसमें से 72 इंडस्ट्रियल इकाइयों से और 21 संस्थाओं के साथ किए गए हैं। सर्वाधिक 35 एमओयू अलीगढ़ नोड्स के लिए हुए हैं। लखनऊ, कानपुर, झांसी और आगरा नोड्स के लिए क्रमश: 15, 12, 9 और 2 एमओयू हुए हैं।
Next Story