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कमजोर इम्युनिटी वालों की सीने में जकड़न की शिकायतें अधिक
वाराणसी न्यूज़: कई दिनों की खांसी व हल्का बुखार को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है. वह शरीर के अंदर बड़े रोग का भी लक्षण हो सकता है. ऐसे लक्षणों वाले मरीजों को इन दिनों अस्पतालों में पता चल रहा है कि जिन्हें वे सामान्य सर्दी-जुकाम व बुखार समझ रहे थे, वह गंभीर रूप ले चुका है.
इन मरीजों की छाती कफ से जकड़ी मिल रही है. इसी कारण उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है. उन्हें ऑक्सीजन देना पड़ रहा है. वैसे डॉक्टरों का कहना है कि कमजोर प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) वाले वृद्धों में अधिक समस्या है. अस्पतालों में ऐसे मरीजों की भीड़ बढ़ गई है.
परेशानी मधुमेह, हाइपरटेंशन, किडनी और अस्थमा के रोगियों को भी है. इन मरीजों को शुरुआत में हल्का बुखार हो रहा है. फिर खांसी, जो लंबे समय तक बनी रहती है. मंडलीय अस्पताल में वृद्ध रोग विशेषज्ञ डॉ. आरएन सिंह ने कहा कि कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वालों को इस समय ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को घर से बाहर निकलते वक्त मास्क जरूर पहनना चाहिए.
होम्योपैथी होम्योपैथ डॉ. अम्बरीष कुमार राय ने बताया कि सर्दी-जुकाम और बुखार होने पर लोगों को ब्रायोनिया एल्बम-30, एंटिम टार्ट, इपिकाक और इपिटोरियम पर्फ लेना चाहिए. दो बूंद दिन में तीन बार इनका सेवन करना चाहिए. ज्यादा समस्या है तो डॉक्टर के परामर्श पर ही दवा लें.
एलोपैथ वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. पीके तिवारी ने बताया कि बाहर से घर आने पर साबुन से हाथ धुलें. ठंडे शीतल पेय का सेवन न करें. हरी सब्जी और मौसमी फल खाएं. रात में सोते समय दूध जरूर पीएं. ठंडा पानी व बासी भोजन खाने से बचें. बच्चों को आईसक्रीम न दें. जुकाम होने पर गुनगुने पानी में नमक का गरारा जरूर करें. डॉक्टर की सलाह पर ही दवा लें.
आयुर्वेद चौकाघाट स्थित राजकीय आयुर्वेद कॉलेज के डॉ. अजय गुप्ता ने बताया कि जुकाम-बुखार होने पर तुलसी, अदरक और काली मिर्च का काढ़ा के अलावा दूध में हल्दी उबाल कर पीना चाहिए. ज्यादा खांसी आने पर लवंगादि वटी और खदिरादि वटी को चार-चार घंटे पर चूसना चाहिए.