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वाराणसी: उत्तर रेलवे के काशी स्टेशन पर की रात आदिवासी समुदाय की मासूम बच्ची का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी गई. लाश की सुबह राजघाट पुल के निकट ढलान पर झाड़ियों में मिली. कपड़े अस्त-व्यस्त थे. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खून का रिसाव मिला है. आशंका है कि दुष्कर्म कर उसकी हत्या की गई है. आदमपुर पुलिस ने तीन युवकों को हिरासत में लिया है.
पं. दीनदयाल नगर में कंजड़ बस्ती की झोपड़ पट्टी में रहने वाला परिवार दोने के पत्ते बेचता है. परिवार मूलत कैमूर (बिहार) के भभुआ का है. पिता रोज की तरह अपनी बूढ़ी मां, पत्नी, तीन बच्चों के साथ ट्रेन से काशी स्टेशन पहुंचा. आस-पास पत्ता बेचने के बाद रात होने पर स्टेशन के मुख्य गेट की बाईं तरफ खाली जगह पर सभी सो गए. रात करीब 10 बजे बूंदाबादी पर पिता पांच साल की बच्ची और पत्नी के संग स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो-तीन पर एफओबी के पास सो गया. उसकी मां और दो अन्य बच्चों के साथ बाहर पेड़ के किनारे सो गईं. प्लेटफार्म पर दंपति के बीच बच्ची सोई थी.
रात 2.23 बजे सियालदह एक्सप्रेस के हॉर्न पर पिता की नींद टूटी तो देखा बच्ची नहीं है. बाहर मां के पास गया तो वहां भी बच्ची नहीं थी. उसने मां को 50 रुपये देकर पं. दीनदयाल नगर भेजा. आशंका जताई कि किसी परिचित के साथ घर चली गई होगी. रात में बच्ची की दादी मुगलसराय गई. वहां से फोन कर बताया कि बच्ची नहीं है. इधर खोजबीन में सुबह हो गई. सुबह करीब सवा छह बजे राजघाट पुल के निकट ढलान पर झाड़ी के बीच कुत्तों को मंडराते देख बच्चों ने शोर मचाया. आसपास के लोग पहुंचे तो बच्ची की लाश देख पुलिस पिकेट पर सूचना दी. थोड़ी देर में संयुक्त पुलिस आयुक्त डॉ. के. एजिलरसन, अपर पुलिस आयुक्त एस. चन्नप्पा, डीसीपी काशी आरएस गौतम, आदमपुर पुलिस और जीआरपी पहुंची. फोरेंसिक टीम ने साक्ष्य जुटाये. शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. डीसीपी ने बताया कि आदमपुर थाने में केस दर्ज कर छानबीन की जा रही है. तीन हिरासत में लिये गए हैं.
बिलखते रहे परिजन घटना के तीसरे दिन काशी स्टेशन पर बच्ची का परिवार पहुंचा था. दादी और पिता बिलख रहे थे. बच्ची अक्सर दादी के साथ ही रहती थी. दादी उसका नाम पुकार पुकार कर रो रही थी.
स्टेशन पर सुरक्षा की कमी, कैमरे तक नहीं
काशी स्टेशन परिसर पर सुरक्षा को लेकर रेल अफसर बेफिक्र हैं. यहां डीआरएम, जीएम, रेलवे बोर्ड के अफसरों तक का दौरा हो चुका है. स्टेशन के विकास का खाका खींचा गया है. यहां 11 ट्रेनों का ठहराव भी होता है. पास ही कोलकाता रूट को जोड़ने वाला एक मात्र राजघाट पुल भी है. इसके बावजूद सुरक्षा को लेकर रेलवे संजीदा नहीं है. यहां अब तक कैमरे भी नहीं लगे हैं. स्टेशन प्रबंधन की ओर से कई बार पत्राचार किया गया. निर्भया फंड से भी कैमरे लगवाने की मांग की गई, लेकिन अनदेखी की गई.
गला दबाने से मौत, स्वैब स्लाइड जांच को भेजा
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्ची से मारपीट की बात सामने आई है. उसकी मौत गला दबाने से हुई है. गले पर भी गहरे निशान मिले. खून का रिसाव मिला है. स्वैब के स्लाइड परीक्षण के लिए फोरेंसिक लैब भेजा गया है.
जीआरपी चौकी के सामने से उठाई बच्ची
जिस जगह दंपति मासूम को लेकर सो रहे थे. उसके ठीक सामने जीआरपी की चौकी है. ऐसे में सुरक्षा पर सवाल उठ रहे है. जबकि यहां दिन और रात में ट्रेनें रुकती हैं.