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- Kanpur: मिट्टी की सेहत...
कानपूर: यदि पोषक तत्वों की उचित मात्रा का प्रयोग खेती किसानी में हो तो निश्चित ही किसानों की उपज अधिक होगी. मिट्टी में जिन पोषक तत्वों की कमी है उनकी पूर्ति उवर्रक से कर सकते है. पर यह तभी हो सकता है जब खेत की मिट्टी की जांच कराएं. जानकारों का कहना है कि अभी उचित समय है किसान अपने खेत की मिट्टी की हेल्थ का चेकअप करा लें.
रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विवि के मृदा वैज्ञानिकों ने मिट्टी की जांच के लिए खेत से नमूना लेने की सलाह दी है. डॉ. संदीप उपाध्याय और डॉ. सुशील कुमार सिंह ने बताया कि खेतों में अधिक उत्पादन हो तथा भूमि की उपजाऊ शक्ति बढे़. इसके लिए संतुलित खाद का उपयोग जरूरी है. मिट्टी की जांच के लिए खेत की मिट्टी का नमूना लेने की विधि मिट्टी की जांच परिणाम को प्रभावित कर सकती है.
मृदा परीक्षण से जांचने वाली समस्याओं जैसे मृदाओं की लवणीयता क्षारीयता के परिणाम प्रभावित हो सकते हैं.
मिट्टी जांच से बाग बगीचों एवं फुलवारी लगाने की मिट्टी की उपयुक्तता की जानकारी हो जाती है और फसलों पर आवश्यक खनिज पोषक तत्त्वों की कमी तथा अधिकता संबंधी लक्षणों को देखकर परामर्शदायी कार्य के लिए सिफारिश करने में सहायता मिलती है. मिट्टी का अच्छा नमूना लेने के लिए गोबर खाद के ढेर, पानी की नाली या बाहरी मेड के समीप व पेड़ की छांव वाली जगह से नमूना ना लें. नमूना जिस खेत में लेना हो उसमें खुरपी की सहायता से 6 से 9 इंच गहरा गड्डा बनाएं और उस मिट्टी को हटा दें गड्ढे की दीवार में एकसार सामान मोटाई में ऊपर से नीचे की डेढ इंच मोटी परत काट लें इस तरह के कम से कम 5 से 6 स्थान के नमूने एक साथ मिलायें फिर 500 ग्राम मिट्टी को नाम पता लेबल पर लिखकर एक साफ थैली में भर लें. किसान ध्यान रखें कि परीक्षण के लिए नमूना लेने का अभी उचित समय है अत बुवाई पूर्व जल्दी से जल्दी मिट्टी की जांच करा सकते हैं.