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उत्तर के वार्ड 65 में आवारा मवेशी और जाम नालियोंं के कारण लोग परेशान
कोटा: कुछ स्थानों पर नजर आती चमकदार सड़कें, ढ़की हुई नालियां और कुछ स्थानों पर चल रहे कार्य कोटा नगर निगम उत्तर के वार्ड 65 की पार्षद की कार्यशैली को तो बता रहे हैं लेकिन कुछ लोग से भी कहते हैं कि वार्ड में केवल उन्ही स्थानों पर कार्य हुए हैं जहां या तो पार्टी के समर्थक रहते हैं या स्वयं पार्षद के। दिखते दिखाते स्थानों पर तो विकास कार्य हुए हैं लेकिन वार्ड की गई गलियों के हालात आज भी बुरे हैं वहां ना तो समय पर सफाई होती है और ना कचरा उठाया जाता हैं। अक्सर नालियां जाम रहती हैं। सड़कों पर गंदा पानी फैला रहता है और पैरों में लगकर घरों में जाता है। नगर निगम उत्तर के इस वार्ड में सुभाष कॉलोनी, तेलवाली गली तथा नंदाजी की बाड़ी आदि इलाकें आते हैं। इन इलाकों के कुछ लोग बताते हैं कि वार्ड में कई स्थानों पर लोग कचरा फैंक जाते हैं जिससे वहां आवारा मवेशियों और सुअरों का जमावड़ा लगा रहता है लोगों को निकलने तक में भी डर लगता है। पहले कम से कम क्षेत्र में सुअर तो नहीं पलते थे अब तो वो भी पलने लगे हैं, बड़ी बात तो ये हैं कि इनके मालिक इनको बस्ती में छोड़ जाते हैं लेकिन जब मरते हैं तो इनका कोई मालिक नहीं बनता है। लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। बच्चों को स्कूल छोड़ने के ना जाओ तो डर बना रहता है। वहीं वार्ड के कुछ लोगों का कहना है कि वार्ड की सबसे बड़ी समस्या इस समय आर्मी का खाली पड़ा भूखन्ड हैं जिसे लोगों ने अनचाहा कचरा पाइंट बना रखा है। अगर ये भूखन्ड निगम को दे दिया जाए तो यहां सामुदायिक भवन और गार्डन बनाया जा सकता है। जिसके बारे में लोकसभा अध्यक्ष और स्वायत्त शासन मंत्री को भी बताया हुआ है। वार्ड में नालियों का काम लगभग पूरा हो चुका हैं। कुछ स्थानों पर जहां बचा हुआ है वहां जल्द काम चलने की संभावना है। नियमित रूप से कचरा उठाया जा रहा है। साफ-सफाई टाइम पर हो रही है। रोड लाइट ठीक है। पीने के पानी की कोई समस्या नहीं हैं।
वार्डवासी बताते हैं कि रोड तो बना दिए गए लेकिन उनकी सफाई ही समय पर नहीं होती है। कचरा पाइंट वार्ड की बड़ी समस्या है। ऊपरी हिस्सों में पीने के पानी की समस्या बनी रहती है। कुछ जगहों पर सीवरेज के बहुत ही बेकार काम हुए है। वार्ड में अवारा मवेशियों और श्वानों का बहुत आतंक बना हुआ है। कई स्थानों पर रोड लाइट नहीं होने के कारण रात में अंधेरा पसरा रहता है। चोरी होने का खतरा रहता है। कुछ गलियों में टिपर नहीं आते तो लोग सड़क किनारों पर ही कचरा फैंक जाते हैं। वार्ड में कुछ काम जरूर हुए है लेकिन ऐसा कोई बड़ा काम नहीं हुआ है जिसे गिनाया जा सका है। वार्ड पार्षद का कहना है कि मैने वार्ड के हर हिस्से में कार्य करवाएं हैं। कही कोई भेदभाव नहीं किया गया है। कोई भी नियम के तहत काम हाते हैं सबको करवाने का प्रयास करती हंू। वार्ड के कई स्थानों पर सीसी सड़कें बनाई गई है। वार्ड में सुलभ कॉम्पलेक्स का काम शुरू होने वाला है। नाली पटान के काम लगभग हो चुके हैं। वार्ड में दूसरे वार्डों की अपेक्षा श्वानों की संख्या कम हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार इनको पकड़कर दूसरे स्थानों पर नहीं छोड़ सकते हैं। थोड़े काम बच रहे है जो जल्द हो जाएंगे।
इनका कहना है
वार्ड में 2 नये वाटर कूलर लगवाए हैं। कई स्थानों पर रोड लाइट लगवाई गई हैं। सबसे बड़ा काम नंदाजी की बाड़ी में सड़क निर्माण का हुआ है, यहां बीते 10 सालों से सड़क नहीं बन सकी थी। वार्ड में एक सामुदायिक भवन की आवश्यकता है। पीने के पानी की टंकी स्वीकृत करवा रखी है।
-ऊषा राठौड़, वार्ड पार्षद।
वार्ड में फिलहाल कोई बड़ी समस्या नहीं है। केवल आर्मी वाले भूखन्ड का निस्तारण हो जाए तो ठीक रहे लोगों ने इसे कचरा पाइंट बना रखा है। रोड बन गए हैं। नालियों का निर्माण हो चुका है। कुछ स्थानों पर और होना है। नियमित रूप से कचरा उठाया जा रहा है।
-प्रवीण मीणा, वार्डवासी।
नालियों के काम कई स्थानों पर आज भी नहीं हुए है। सीवरेज के काम या तो हुए नहीं या खराब हुए है। उनमें गड््ढेंÞ पड़ गए है। जिनमें मच्छर पनप रहे हैं। बीमारियां फैलने का अंदेशा बना रहता है। लोग अपने हिसाब से अपने काम करवा लेते हैं। वार्ड में आवारा मवेशी भरे पड़े हैं। गंदगी का साम्राज्य है।
-जसवंत सिंह तंवर, वार्डवासी।