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राकेश टिकैत आवाज देंगे, तो पंजाब और हरियाणा के किसानों से भर जाएगा जीआईसी मैदान: आंदोलनकारी
मुजफ्फरनगर: शहर के जीआईसी मैदान में किसानों का धरना गाजीपुर की तर्ज पर तैयार हो चुका है। बीते दिवस हुई हल्की सी बूंदाबांदी की वजह से किसानों ने अपने टेंट पक्के कर लिया है।
भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत के बयान पर पंजाब और हरियाणा के किसानों ने कहा कि अभी चौधरी साहब ने आवाज नहीं दी है, जब आवाज दे देंगे तो यह जीआईसी मैदान 5 सितंबर की पंचायत की तरह पूरा भर जाएगा।
किसान नेता अमरजीत सिंह ने कहा कि किसानों की कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है, जिसके कारण धरना देने को मजबूर होना पडा है। ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा पशुओं ने फसलों को उजाड रखा है, लेकिन सरकार इस और कोई ध्यान नहीं दे रही है।विशेषकर गौवंश व सांड फसलों को उजाडने के साथ-साथ सडक हादसों का भी कारण बन रहे हैं, इस और विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि ट्यूबवैलों पर मीटर लगाये जा रहे है, जिसका लगातार विरोध चल रहा है, लेकिन सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है, कई जगह ट्यूबवैलों से मीटर उखाडकर फेंक दिये गये है।
किसान नेता पवन कुमार ने कहा कि यह धरना अब चाहे जितने दिन चलें, लेकिन तब तक समाप्त नहीं होगा, जब तक सभी मांगे पूरी नहीं होगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अभी भले ही किसानों की संख्या धरने पर कम हो, लेकिन धीरे-धीरे बढती जायेगी। चौधरी साहब यदि एक आवाज देंगे, तो यूपी के अनेक जिलों के अलावा पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड से भी लाखों किसान जीआईसी मैदान को भर देंगे और जैसे पांच सितम्बर को भीड हुई थी उससे से अधिक भीड यहां जमा हो जायेगी।
किसान नेता सुमित मलिक ने कहा कि मजबूरन इस कडाके की ठंड में किसानों को आंदोलन करने को मजबूर होना पडा है। पिछले काफी दिनों से किसान आवारा पशुओं की समस्या को लेकर चिल्ला रहा है, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हो रही है। सुमित मलिक ने कहा कि उनके गांव पीनना में आवारा पशु फसलें उजाड़ रहे है, जिससे बचाव के लिये किसानों को अपने खेतों में पहरा भी देना पड रहा है।
मंसूरपुर क्षेत्र के गांव बोपाडा निवासी एक किसान ने भी आवारा पशुओं की समस्या को सबसे बडी समस्या बताया है। भाकियू के धरने पर आज महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि भी दी गई। इस दौरान किसानों ने टै्रक्टरों से भी अनेक प्रकार के करतब दिखाये।