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फैजाबाद न्यूज़: अयोध्या बदल रही है. नव्य अयोध्या बन रही है. शहर में सड़कें और ओवरब्रिज का निर्माण चल रहा है. लेकिन सरकारी भवन आज भी खतरे की घंटी बजा रहे हैं. इसी सरकारी सम्पत्तियों में शामिल है 165 साल पुराने राजकीय इंटर कॉलेज परिसर में स्थित करीब पांच दशक पुराना छात्रावास. इस हॉस्टल का भवन इतना जर्जर है कि यह किसी भी समय ढह सकता है.
छात्रावास में रहने वाले राजकीय इंटर कॉलेज के दर्जनों छात्रों की जान हर समय खतरे में रहती है. लेकिन इसकी मरम्मत बनने के बाद आज तक नहीं हो सकी और न ही इसकी मरम्मत के लिए कोई बजट ही मिला. तीन मंजिल के इस छात्रावास की तीसरी मंजिल बहुत जर्जर है. छत टूटी है और दीवारें फट गई हैं. करीब 20 कमरे बने हैं लेकिन सभी जर्जर हाल में हैं. करीब 50 साल पुराना राजकीय इंटर कॉलेज स्थित आचार्य नरेन्द्रदेव छात्रावास की स्थिति दयनीय है. छत टपकती है. शौचालय जर्जर हैं. दीवारें फटी हुई हैं. कमरे के प्लास्टर टूट चुके हैं. भवन में पेड़ उग आए हैं और भवन इतना खस्ताहाल है कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. छात्रावास में रहने वाले छात्रों से भवन की हालत में पढ़ने वाले 11वीं के छात्र हस्सान रजा कहते हैं कि डर लगता है लेकिन मजबूरी में रहना ही पड़ता है. 12वीं कक्षा के छात्र अन्तिम मिश्र कहते हैं कि सफाई हम लोग खुद करते हैं, बिल्डिंग बहुत खराब है. 12वीं के छात्र अजय साहू, हसनैन बीकापुर के रहने वाले हैं यहां रहकर पढ़ाई करते हैं. कहते हैं कि बिल्डिंग तो पुरानी है डर भी लगता है लेकिन क्या किया जाए. यावर कहते हैं कि इसी में रहकर खाना बनाते हैं. जीआईसी के वरिष्ठ अध्यापक सुरेन्द्र तिवारी कहते हैं कि नरेन्द्रदेव हॉस्टल उन छात्रों के लिए बना था जो कक्षा आठ में एकीकृत परीक्षा में सफल होते थे. ऐसे ही मेधावी छात्रों को चार दशक पूर्व 15 रुपए की छात्रवृत्ति और हॉस्टल में रहने की सुविधा प्रदान की जाती थी. लेकिन कई सालों से यह सुविधा नहीं है. हॉस्टल के वार्डेन अरुण सिंह कहते हैं कि इस हॉस्टल की मरम्मत उनके जानने में तो आज तक नहीं हुई है. रंगाई-पुताई के लिए भी कोई बजट नहीं है. विद्युत का भी 30 हजार से अधिक बकाया हो गया है.