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उत्तर प्रदेश
ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर आज वाराणसी कोर्ट में होंगी सुनवाई
Renuka Sahu
10 May 2022 4:27 AM GMT
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फाइल फोटो
वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद श्रृंगार गौरी विवाद में दायर याचिका पर चल रही सुनवाई आज भी जारी रहेगी.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वाराणसी (Varanasi) के ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) श्रृंगार गौरी विवाद में दायर याचिका पर चल रही सुनवाई आज भी जारी रहेगी. सुनवाई के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे पूरा न होने को लेकर भी चर्चा हो सकती है. सोमवार को हिंदू याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता हरि शंकर जैन ने कहा कि हमने अधिवक्ता आयुक्त को बदलने की याचिका पर अपनी आपत्ति दर्ज की है. अब दूसरा पक्ष हमारी आपत्ति का जवाब दाखिल करेगा और सुनवाई होगी. हमने अपनी आपत्ति में कहा है कि एडवोकेट कमिश्नर पर लगे आरोप निराधार हैं और सर्वे को रोकने के लिए ऐसा किया गया. मस्जिद समिति के वकील अभय नाथ यादव ने बताया कि हम याचिकाकर्ताओं की आपत्ति पर अपना जवाब दाखिल करेंगे, और सुनवाई आज भी जारी रहेगी.
विवादित स्थल का वीडियोग्राफी कराने का निर्देश
दरअसल 8 अप्रैल को, विवादित स्थल पर पूजा के अधिकार की मांग करने वाली पांच महिलाओं की तरफ से दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए, सिविल जज (सीनियर डिवीजन), वाराणसी, रवि कुमार दिवाकर ने अजय कुमार को मां श्रृंगार का सर्वेक्षण करने के लिए एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया था. जिसमें कोर्ट ने उन्हें विवादित स्थल पर वीडियोग्राफी तैयार कराने और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था.
राखी सिंह वापस नहीं लेंगी याचिका
सोमवार को हिंदू याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता हरि शंकर जैन ने सोमवार को कहा था कि याचिकाकर्ता राखी सिंह, जो याचिका से हटने के लिए तैयार थीं, वह ऐसा नहीं करेंगी. वह वापस नहीं ले रही है. वहीं रविवार को जैन ने कहा था कि राखी सिंह मुकदमे से हट जाएंगी. लेकिन इससे हमारे मामले पर कोई असर नहीं पड़ेगा. अन्य चार कानूनी कार्यवाही जारी रखेंगे.
अदालत ने कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति
हिंदू पक्ष की ओर से ऐतिहासिक तथ्यों, कोर्ट में दिए गए सबूतों और कमीशन की रिपोर्ट के अलावा उन तस्वीरों के हवाले से भी ये तथ्य रखने की कोशिश की जा रही है कि आदि विशेश्वर मंदिर उसी ज्ञानवापी परिसर के नीचे है. अदालत ने कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति इसलिए की थी, जिससे पता चल सके कि क्या ज्ञानवापी में देवी-देवताओं के विग्रह मौजूद हैं? अब इस मामले में कल सुनवाई होगी.
पूरा नहीं हुआ सर्वे
मुस्लिम पक्ष के विरोध के बाद 3 दिन का प्रस्तावित सर्वे पूरा नहीं हो सका. जिसके बाद आज दोनों पक्ष कोर्ट में अपने दस्तावेज पेश करेंगे. वहीं काशी विश्वनाथ मंदिर के व्यास पीठ का दावा है कि जहां ज्ञानवापी है. उसकी जमीन का मालिकाना हक उनके पास है. दावे के अनुसार करीब 150 साल से इस जमीन का पूरा हक पाने के लिए केस लड़ रहे हैं, जिसके दस्तावेज भी उनके पास हैं. साल 1937 से 1991 तक इस मामले में कोई विवाद नहीं हुआ. लेकिन बाबरी केस के बाद ज्ञानवापी में नमाजियों की संख्या बढ़ने लगी.
सबूत मिटाने का आरोप
वहीं ज्ञानवापी-बाबा विश्वनाथ मंदिर विवाद के मुख्य पक्षकार और वकील हरिशंकर जैन ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया था कि तथाकथित मस्जिद के अंदर पिछले सर्वे में जितने सबूत मंदिर से जुड़े मिले थे, उन प्रतिकों को धीरे-धीरे हटाया जा रहा है. जैन ने कहा कि बाहर से किए गए इस सर्वे में भी हमें मंदिर के तमाम चिन्ह मिले हैं, दो बड़े-बड़े स्वास्तिक के चिन्ह ज्ञानवापी की दीवारों पर मिले, खंडित मूर्तिया के अवशेष मिले हैं, कई पत्थरों पर भगवान की उकेरी हुई प्रतिमा भी मिली है और साथ-साथ मंदिर का पूरा स्वरुप इसकी दीवार पर हमें मिला हैं.
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