- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- सरकार की मंशा, हर आदमी...
x
इसके लिए दोनों सरकारें लगातार प्रयास भी कर रहीं हैं।
लखनऊ, दालें, शाकाहारी लोगों के लिए प्रोटीन का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत हैं। हर उम्र में शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए प्रोटीन की हर रोज तय मात्रा में जरूरत होती है। लिहाजा दालों का खाद्य ही नहीं पोषण सुरक्षा में बेहद महत्व है। यही वजह है कि देश की डबल इंजन की सरकार चाहती है कि हर आम एवं खास के थाल में जरूरी मात्रा में कोई न कोई दाल जरूर हो। इसके लिए दोनों सरकारें लगातार प्रयास भी कर रहीं हैं।
आबादी के नाते उत्तर प्रदेश सर्वाधिक उपभोग करने वाला राज्य है। संयोग से उत्तर प्रदेश दलहन की सर्वाधिक पैदावार वाला भी राज्य है। ऐसे में उत्तर प्रदेश की भूमिका भी दलहनी फसलों के उत्पादन में महत्वपूर्ण हो जाती है। प्रदेश की योगी सरकार लगातार इस बारे में प्रयास भी कर रही है।
केंद्र सरकार ने 7 जून को ख़रीफ की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित किया है। इसमें सर्वाधिक 10.4 फीसद की वृद्धि मूंग की है। वर्ष 2022-2023 में यह प्रति कुंतल 7755 था। इस साल इसे बढ़ाकर 8558 रुपये कर दिया गया। इसी तरह अरहर की एमएसपी 6600 से 7000, उड़द की 6600 से 6950 रुपये कर दी गई। इसके एक दिन पहले केंद्र सरकार ने मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत इन पर लगी खरीद सीमा को भी हटा दिया। माना जा रहा है कि एमएसपी बढ़ने से किसान कम समय में तैयार होने वाली मूंग एवं उड़द की खेती के लिए प्रोत्साहित होंगे। खासकर सहफसली खेती के रूप में यह लोकप्रिय हो सकती है। एमएसपी के जरिये भी बेहतर भाव मिलने से किसान इसका रकबा बढ़ाएंगे। इससे सबको जरूरी मात्रा में दाल और इसके जरिये प्रोटीन उपलब्ध होगी।
केंद्र सरकार की मंशा के अनुरूप योगी सरकार ने दलहन का उत्पादन बढ़ाकर प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की मुकम्मल कार्ययोजना तैयार की है। दरअसल इस योजना पर काम तो योगी सरकार के पहले कार्यकाल में ही शुरू हो गया था। नतीजतन 2016-17 से 2020-21 के दौरान दलहन का उत्पादन 23.94 मीट्रिक टन से बढ़कर 25.34 लाख मीट्रिक टन हो गया। इस दौरान प्रति हेक्टेयर उत्पादकता 9.5 कुंतल से बढ़कर 10.65 कुंतल हो गई। योगी सरकार-2.0 ने इसके लिए पांच साल का जो लक्ष्य रखा है उसके अनुसार दलहन का रकबा बढ़ाकर 28.84 लाख हेक्टेयर करने का है। प्रति हेक्टेयर उत्पादकता 12.41 कुंतल और उत्पादन 35.79 मीट्रिक टन करने का है।
Next Story