उत्तर प्रदेश

दीवान स्कूल की छात्रा ने गोली मारकर दी जान, पढ़ाई का तनाव बना कारण

Admin Delhi 1
16 Dec 2022 12:59 PM GMT
दीवान स्कूल की छात्रा ने गोली मारकर दी जान, पढ़ाई का तनाव बना कारण
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मेरठ: मेडिकल थानांतर्गत जागृति विहार सेक्टर चार में रहने वाले एक ट्रांसपोर्टर की हाईस्कूल में पढ़ने वाली बेटी ने देशी पिस्टल से गोली मारकर जान दे दी। बताया जा रहा है कि छात्रा पढ़ाई के बोझ से परेशान थी और डिप्रेशन में चल रही थी। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर अवैध पिस्टल बरामद करने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया। ट्रांसपोर्टर प्रदीप चौधरी की 16 साल की बेटी हर्षिता चौधरी दीवान पब्लिक स्कूल में हाईस्कूल की छात्रा थी। गुरुवार को जब प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में बेटियों को आगे बढ़ने के लिये प्रेरित कर रही थी तभी विश्वविद्यालय से थोड़ी दूर हर्षिता चौधरी ने घर में रखी अवैध पिस्टल से कनपटी में गोली मारकर जान दे दी। छात्रा के पिता ने पुलिस को बताया कि हर्षिता पढाई का प्रेशर बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी और आने वाले प्री बोर्ड परीक्षा को लेकर तनाव में चल रही थी। जिस वक्त हर्षिता ने खुद को गोली मारी, उस वक्त उसके पिता घर पर नहीं थे। छात्रा की मां और बहन घर के बाहर धूप सेंक रही थी।

गोली चलने की आवाज सुनकर मां बेटी ने अंदर जाकर देखा तो चीख निकल गई। कमरे में हर्षिता लहुलुहान पड़ी हुई थी और फर्श पर खून का सैलाब बन गया था। परिजनों ने पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तुड़वाकर कमरे में प्रवेश किया और बेटी की हालत देखकर गश खाकर गिर पड़ी। घटना की जानकारी मिलते ही इंस्पेक्टर मेडिकल अखिलेश गौड़ मौके पर पहुंचें और छात्रा का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हाउस भेजा और पिस्टल भी बरामद कर ली है। एसपी सिटी पीयूष सिंह का कहना है कि छात्रा ने खुद को गोली मारकर जान दी है। पिस्टल ट्रांसपोर्टर प्रदीप चौधरी के यहां कहां से आई है। इसकी भी जांच की जा रही है। परिवार के लोगों ने परीक्षा आने के चलते डिप्रेशन में छात्रा को बताया है। हालांकि पुलिस दूसरे बिंदुओं पर भी जांच कर रही है।

अवैध पिस्टल कैसे घर पहुंची: छात्रा ने सुसाइड किया यह ट्रांसपोर्टर के परिवार के लिये मुसीबत लेकर आई है। एक तरफ बेटी का दुनिया से अलविदा होना और दूसरी तरफ घर में अवैध हथियार का मिलना। पुलिस के लिये यह जांच का विषय है कि आखिर ट्रांसपोर्टर को अपने घर मेें देशी पिस्टल रखने की जरूरत क्यों पड़ी।

पुलिस का यह भी मानना है कि अगर घर में हथियार न होता तो शायद हर्षिता मौत के लिये यह रास्ता तो न चुनती। इंस्पेक्टर मेडिकल का भी मानना है कि अभी परिवार में गम की स्थिति है, बाद में अवैध हथियार के मामले में निश्चित रुप से पूछताछ की जाएगी। शस्त्र अधिनियम के तहत मामला भी बनता है। सवाल यह भी है कि आखिर परीक्षा का ऐसा कौन सा तनाव हर्षिता को परेशान कर रहा था जिस कारण उसे जान देनी पड़ी।

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