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उत्तर प्रदेश
लखनऊ में शुरू हुआ जीनोम सिक्वेंसिंग की जांच, तीन से पांच दिन में आएगी रिपोर्ट
Renuka Sahu
25 Dec 2021 5:12 AM GMT
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फाइल फोटो
कोरोना की तीसरी लहर और ओमिक्रोन के खतरें को देखते हुए तैयारियां तेज हो गई हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना की तीसरी लहर और ओमिक्रोन के खतरें को देखते हुए तैयारियां तेज हो गई हैं। ओमीक्रोन व कोरोना के दूसरे वैरिएंट की पहचान के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग लखनऊ में भी शुरू हो गई है। सीडीआरआई और एनबीआरआई में सुविधा शुरू होने से जांच रिपोर्ट के लिए मरीजों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
अभी तक जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा लखनऊ में नहीं थी। यहां से नमूने केजीएमयू भेजे जाते हैं। उसके बाद केजीएमयू बंगलूरू और फिर दिल्ली जांच के नमूने भेज रहा था। जांच रिपोर्ट आने में 10 से 12 दिन का इंतजार करना पड़ रहा था। समय पर कोरोना के सही वैरिएंट की पहचान के लिए एनबीआरआई और सीडीआरआई ने जांच की सुविधा शुरू कर दी है।
जल्द हो सकेगी पहचान
एनबीआरआई के निदेशक डॉ. एसके बारिक के मुताबिक जीनोम सिक्वेंसिंग शुरू हो गई है। उन्होंने बताया कि केजीएमयू से नमूने एनबीआरआई भेजे जाएंगे। यहां से जांच के बाद रिपोर्ट सीधे कोविड पोर्टल पर आ जाएगी। एक बार में 96 नमूने की जांच हो सकेगी। तीन से पांच दिन में रिपोर्ट आने की उम्मीद है।
100 नमूनों की होगी जांच
सीडीआरआई में कोविड लैब के नोडल ऑफिसर डॉ. रविशंकर के मुताबिक जीनोम सिक्वेंसिंग जांच की तैयारियां पूरी हो गई हैं। एक साथ 100 नमूनों की जांच हो सकेगी। पांच से सात दिन में रिपोर्ट आएगी। इसमें सभी तरह के जीनोम सिक्वेंसिंग हो सकेगी। कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन की पहचान भी जल्द से जल्द होगी।
जल्द पहचान से रुकेगा प्रसार
डिप्टी सीएमओ डॉ. मिलिंद वर्धन के मुताबिक हम लोग नमूने केजीएमयू भेजेंगे। वहां से जांच के लिए नमूने दूसरे संस्थानों में भेजे जाएंगे। इससे किसी भी तरह की चूक की आशंका नहीं होगी। संक्रमितों की जल्द पहचान से इलाज आसान होता है। वहीं वायरस के प्रसार को रोकने में भी मदद मिलेगी।
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