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उधारी के कर्मचारी और कम संसाधन में बह रही विकास की गंगा
रोहटा: ब्लॉक में विकास का जिम्मा निभाने वाले खंड विकास अधिकारी खुद पैदल हैं। खंड विकास अधिकारी के पास न तो क्षेत्र में भ्रमण के लिए गाड़ी है और न ही काम कराने के लिए स्टाफ, सूक्ष्म संसाधनों और उधारी के कर्मचारियों से विकास का बड़ा जिम्मा निभाने के लिए ब्लॉक मुख्यालय पर बैठे खासे अधिकारी तनावग्रस्त है।
जिसे लेकर क्षेत्र के विकास में अड़चनें आ रही हैं। पूरे ब्लॉक का जिम्मा कंधों पर लेकर विकास की बागडोर संभालने वाले रोहटा ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी खुद पैदल हैं। पूरे ब्लॉक में सरकार की मंशा के अनुरूप और प्रधानों की कसौटी पर खरा उतरने के लिए यहां तैनात खंड विकास अधिकारी के पास एक आदत गाड़ी तक नहीं है। जिससे क्षेत्र में तमाम परियोजनाओं और विकास कार्यों के लिए मौके पर जाकर सत्यापन करने से लेकर विकास कराने तक का जिम्मा सही ढंग से नहीं निभा पा रहे हैं।
इसे लेकर जहां अधिकारी खासे तनाव में है,तो वहीं क्षेत्र की जनता और ग्राम प्रधानों की कसौटी पर खरा नहीं उतरने का भी उन्हें अफसोस है। अधिकारियों के टारगेट और सरकार की मंशा के अनुरूप सूक्ष्म समय पर संक्षिप्त संसाधनों में विकास का जिम्मा बड़ी चुनौती बनकर उभर रहा है। यहां तैनात खंड विकास प्रभात कुमार अधिकारी के पास ना तो गाड़ी है ना ड्राइवर है। यदि ब्लॉक मुख्यालय की बात करें तो यहां प्रधान लिपिक से लेकर बाबू कार्यालय लिपिक तक भी तैनात नहीं है।
दूसरे ब्लॉक की उधारी पर चल रहे कर्मचारियों के बूते विकास की बागडोर को आगे बढ़ाने का जिम्मा अधिकारियों के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभर रहा है। 39 ग्राम पंचायतों वाले रोहटा ब्लॉक में खंड विकास अधिकारी के सामने कम संसाधनों और उधारी के स्टाफ से कार्य कराने के लिए बड़ी जिम्मेदारी चुनौती भरा साबित हो रहा है। खंड विकास प्रभात कुमार अधिकारी खुद पैदल हैं। खंड विकास अधिकारी के मुताबिक ब्लॉक मुख्यालय पर साथ एडीओ के सात पद आसीन हैं, लेकिन मात्र तीन पद पर एडीओ तैनात हैं।
जबकि बाकी या तो रिक्त चल रहे हैं या उधारी के कर्मचारियों से गुलजार हो रहे हैं। मुख्यालय पर उर्दू अनुवादक केवल कागजों में तैनात है और आलाधिकारियों की सेवा में हाजिर है। मानक के अनुरूप खंड विकास कार्यालय पर सात कार्यालय लिपिक, एक उर्दू अनुवादक, एक लेखाकार एक वरिष्ठ सहायकव एक उर्दू अनुवादक की तैनाती होनी चाहिए, लेकिन इसके अनुरूप एक भी कर्मचारी मुख्यालय पर तैनात नहीं है।
दूसरी ब्लॉक के कर्मचारियों की उधारी जी चल रहे ब्लॉक और खुद की गाड़ी से विकास कार्य को आगे बढ़ाने के लिए यहां तैनात खंड विकास अधिकारी प्रभात कुमार लगे हुए हैं। उन्होंने बताया कि कम संसाधनों सरकार की मंशा और अधिकारियों के दबाव और प्रधानों की कसौटी पर खरा उतरना उनके लिए बड़ी चुनौती है।
उन्होंने बताया कि वैसे तो पूरे जिले भर में 12 ब्लॉक में से मात्र 5 या 6 खंड विकास अधिकारी ही तैनात हैं, लेकिन उन्हें बताया कि बड़े ब्लॉक में शुमार रोहटा ब्लॉक में संसाधन बेहद कम है और कार्य कराने का ज्यादा टारगेट है। उन्होंने बताया कि इसके लिए डिमांड कर चुके हैं।