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पारे के उतार-चढ़ाव से बढ़ा खतरा, कुछ देर की धूप के झांसे में न आएं मरीज
प्रतापगढ़ न्यूज़: तापमान में अचानक गिरावट और फिर उछाल दिल के मरीजों के साथ बुजुर्गों, बच्चों व वायरल संक्रमण से पीड़ित मरीजों के लिए खतरनाक है. मौसम व शरीर के तापमान में संतुलन बनाए रखना चुनौती बन गया है. ऐसे में डॉक्टर अपनी सलाह में इलाज के पहले ही बचाव को प्राथमिकता दे रहे हैं.
ठंड कम हुई लेकिन मेडिकल कॉलेज आने वाले हार्ट, दमा व बीपी के मरीजों की संख्या कम नहीं हुई. मेडिकल कॉलेज के फिजीशिएन डॉ. रमेश पांडेय का कहना है कि ठंड भले ही कम हुई लेकिन यह स्थायी नहीं है. कभी घट तो कभी बढ़ रही है. इससे अधिकांश मरीजों का शरीर मौसम से तालमेल नहीं बिठा पा रहा है. इसलिए मरीज कम नहीं हुए हैं. बल्कि दिल के मरीजों की संख्या बढ़ गई है. ऐसे में बचाव ही इससे निपटने का बेहतर उपाय है.
बचाव के उपाय
1-मौसम भले ही गर्म हो लेकिन ठंड से बचने को पूरे कपड़े पहनें.
2-सोकर उठने के बाद कम से कम दो मिनट बाद ही बिस्तर छोड़ें.
3-बीपी, कोलेस्ट्राल व सुगर की जांच कराते रहें.
4-बच्चों, बुजुर्गों व गर्भवती में छाती व पेट के दर्द को नजरअंदाज न करें.
5-खून पतला बनाए रखने के लिए गुनगुना पानी खूब पीएं.