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सेमिनार में मीनोपॉज के बाद कैंसर और यूरोगाइनेकोलॉजी की समस्या पर हुई चर्चा
गोरखपुर न्यूज़: आमतौर पर महिलाओं को 45 वर्ष से अधिक उम्र होने पर मासिक चक्र बंद होने लगता है. इसे मीनोपॉज कहते हैं. मासिक चक्र बंद होने बाद अगर रक्तस्राव हो तो उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. यह कैंसर का संकेत हो सकता है. यह कहना है मुम्बई की कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रिया गणेश कुमार और बीआरडी के गायनी की पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. रीना श्रीवास्तव का. इंडियन मीनोपॉज सोसाइटी की दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस में बतौर एक्सपर्ट शामिल रहीं दोनों विशेषज्ञों ने कहा कि पूर्वी यूपी के साथ पूर्वोत्तर के राज्यों में सर्वाइकल कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इससे देश में हर आठ मिनट में एक महिला की मौत हो रही है. यह देश में महिलाओं के लिए सर्वाधिक जानलेवा कैंसर हैं. खास बात यह है कि इस कैंसर को समय रहते पहचाना जा सकता है और इलाज व बचाव किया जा सकता है. शहर के एक होटल में आयोजित इस कॉन्फ्रेंस में देश के आठ राज्यों से स्त्रत्त्ी एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ, फिजीशियन, कार्डियोलॉजिस्ट, न्यूरोलॉजिस्ट, न्यूरो सर्जन, यूरोलॉजिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट तथा कैंसर रोग विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं.
सेमिनार में डॉ. सुरहीता करीम, डॉ. मधु गुलाटी, डॉ. अमृता सरकारी, डॉ. अरुणा छापड़िया, डॉ. राधा जीना, डॉ. शोभना मोहनदास, डॉ. अंजू सोनी, डॉ. मधुबाला, डॉ. रीता सिंह, डॉ. गीता गुप्ता, डॉ. अनुभा गुप्ता आदि मौजूद रहीं.
हार्मोन की कमी से लीक होने लगता है यूरिन डॉ. दीप्ती चतुर्वेदी और डॉ. बबिता शुक्ला ने बताया कि मीनोपॉज में शरीर में हार्मोन का असंतुलन हो जाता है. स्ट्रोजन हार्मोन की कमी होने लगती है. यह यूरिन ट्रैक और बच्चेदानी के फंक्शन को सुचारू रखता है. इसकी कमी से कुछ महिलाओं को यूरिन लीक होने की समस्या होती है. उन्हें इसका पता नहीं चलता. इसे यूरिनरी इन्कान्टिनेस कहते हैं. इसके अलावा कुछ महिलाओं में बच्चेदानी भी नीचे आ जाती है. इसे प्रोलेप्स यूट्रस कहते हैं. सेमिनार में यूरिनरी इनकांटिनेंस के बारे में डॉ. आराधना सिंह, डॉ. दिलीप मणि त्रिपाठी, डॉ. रागिनी अग्रवाल, डॉ. अभिनव जायसवाल तथा डॉ. मयंक अग्रवाल ने जानकारी दी.