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अज्ञानता को लांघकर चढ़ी सफलता की सीढ़ी, चेहरे के साथ ही संवार रही महिलाओं की सेहत
भोपा: खुद ही को कर बुलन्द इतना हर तख़लीक़ से पहले, ख़ुदा बन्दे से खुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है। शायर इकबाल का ये शेर मोरना निवासी पवित्रा देवी पर एकदम सटीक बैठता है।
जिसने ससुराल की दहलीज तक अज्ञानता के बाद पति की इच्छा और अपनी दृढ़ शक्ति से शिक्षा हासिल की और अपने आप को उस ऊंचाई तक पहुंचाने में सफलता हासिल की जिसकी तमन्ना हर महिला रखती है।
अपनी मेहनत और ईमानदारी के बल पर महिला सौंदर्य को निखारने के साथ साथ आज पवित्रा देवी महिलाओं की सेहत को संवारते हुए ऑनलाइन क्लास चला रही है और लगातार सफलता के नए आयाम छू रही है।
बड़ौत के रहने वाले किसान सत्यपाल सिंह की पुत्री पवित्रा देवी की शादी वर्ष 1996 में दूध व मावे का कारोबार करने वाले किनौनी निवासी सत्यवीर के साथ हुई थी।
जिस समय पवित्रा देवी की शादी हुई उस समय वह पूरी तरह अनपढ़ थी। उनके पति ग्रेजुएशन पास होने के कारण पुश्तैनी काम को छोड़कर अन्य कोई और बिजनेस करना चाहते थे। परंतु पत्नी की अज्ञानता उनके इस सपने के आड़े आ रही थी।
इसलिए शादी के दो साल बाद सत्यवीर अपनी पत्नी पवित्रा को लेकर ककरौली थानाक्षेत्र के गांव चौरावाला में आ गए और छोटे स्तर पर दूध व मावे का कारोबार शुरू कर दिया। समय बीतने लगा और सत्यवीर सिंह ने अपनी पत्नी को हाई स्कूल की परीक्षा दिलवाई जिसमें वह अच्छे नंबरों से पास हो गई।
पवित्रा देवी के मामा दिल्ली पुलिस में कार्यरत थे इसलिए उन्होंने प्रयास किया कि वह दिल्ली पुलिस में भर्ती हो जाए और पवित्रा देवी ने दिल्ली जाकर दिल्ली पुलिस का फिजिकल पास कर लिया परंतु पैर में मोच आ जाने के कारण वह लिखित परीक्षा में नहीं बैठ सकी।
जिसके कारण उन्होंने पति के साथ मिलकर मावे की भट्टी पर काम कराना शुरू कर दिया। परंतु मेरठ में रहने वाले पवित्रा के मामा जो मेरठ में कॉस्मेटिक की दुकान करते थे उन्हें भांजी का भट्टी पर काम करना मंजूर नहीं था।
एक बार वह घूमने के लिए शुकतीर्थ आए और यहां का माहौल देखकर उन्होंने पवित्रा को कॉस्मेटिक की दुकान खोलने की सलाह दी।
उनकी सलाह मानकर पवित्रा देवी ने अपने पति के साथ एक दुकान किराए पर ले ली और पार्लर की ट्रेनिंग लेने के लिए मेरठ चली गई कुछ माह बाद वह मोरना में वापस आई और छोटा सा ब्यूटी पार्लर खोल काम करना शुरू किया।
पांच सौ रुपये में किया पहला मेकअप फ़ोटोग्राफी के लिए खरीदा कैमरा:
पवित्रा देवी बताती है कि मेरठ से ट्रेनिग कर लौटने के बाद उसने छोटे स्तर पर अपना पार्लर शुरू किया जिसके बाद उसने नजदीकी गांव भेडाहेड़ी में जाकर सबसे पहला मेकअप किया जिसके मेहनताने के रूप में उसे पांच सौ रुपये मिले थे। जिसके बाद कुछ नया करने की चाह में उसने कैमरा खरीदा और फोटोग्राफी शुरू की।
उस समय महिलाओं में लहंगा पहन कर फ़ोटो कराने का बड़ा क्रेज था। पवित्रा बताती है कि उस समय वह 36 फ़ोटो की रील एक दिन में तैयार कर देती थी जो आसपास के फोटोग्राफरों में चर्चा का विषय था।
दो दर्जन से अधिक प्रशिक्षणो में लिया भाग:
पवित्रा बताती है कि इस समय उन्होंने पार्लर खोला था उस समय आसपास के क्षेत्र में कोई भी पार्लर नहीं था कुछ नया करने की चाह में उन्होंने लगभग दो दर्जन प्रशिक्षणो में हिस्सा लिया जिसमें जावेद हबीब से हेयर कटिंग की बारीकियां सीखना भी शामिल है जिसके बाद उनकी नई जिंदगी की शुरुआत हुई। उन्होंने बताया कि शुकतीर्थ में हुए एक सामूहिक विवाह कार्यक्रम में उन्होंने लगभग एक दर्जन दुल्हनो का मेकअप मुफ्त में किया था।
हेल्थ कोच बनकर संवार रही महिलाओं की सेहत:
ससुराल की दहलीज पर एक अनपढ़ के रूप में आने वाली महिला आज के समय में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास कर ऑनलाइन क्लास चलाते हुए महिलाओं की सेहत को संवार रही है।
उन्होंने बताया कि लीवर की बीमारी से पति की मौत हो जाने के बाद उन्होंने हेल्थ कोच के रूप में एक नई पारी की शुरुआत की है जिसमें वह सैकड़ों महिलाओं को हेल्थ कोच के रूप में टिप्स देती हैं।
आज उनके पास अच्छा घर पैसा और काफी बड़ा ब्यूटी पार्लर है। जिसमें प्रशिक्षित कर वह दर्जनों महिलाओं को रोजगार दे चुकी है।