उत्तर प्रदेश

पेयजल परियोजनाओं का कैंपस मवेशियों का अड्डा

Admin Delhi 1
7 Jun 2023 7:16 AM GMT
पेयजल परियोजनाओं का कैंपस मवेशियों का अड्डा
x

प्रतापगढ़ न्यूज़: ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए ग्रामीण इलाके में करोड़ों की लागत से बनाई गई पेयजल परियोजनाएं देखरेख के अभाव में बदहाल हैं. परियोजना के कैंपस के अंदर कहीं मवेशी घूमते रहते हैं तो कहीं शाम को नशेड़ियों का जमावड़ा होता है. बिहार ब्लॉक में स्थापित तीन पेयजल परियोजनाओं से पेयजल की आपूर्ति ग्रामप्रधान अपने निजी खर्च से करवा रहे हैं.

विकास खंड बिहार की ग्राम पंचायत मुजेड़ी, पुंवासी व मलावा छजईपुर में शासन की हर घर नल योजना के तहत जलनिगम के अफसरों ने पेयजल परियोजना का निर्माण कराया. पेयजल आपूर्ति करने के लिए आधे अधूरे ग्रामीणों के घर तक पाइप बिछाकर ग्राम पंचायत को हैंडओवर कर दिया. इसके बाद से मुख्यालय से लेकर ब्लॉक तक के किसी अफसर को इन परियोजनाओं के बारे में जानने की फुर्सत नहीं मिली. नतीजा करीब एक से डेढ़ वर्ष पहले बनाई गई पेयजल परियोजनाएं देखरेख के अभाव में बदहाल होती जा रही हैं. परियोजनाओं के कैंपस में दिनभर मवेशी घूमते दिखते हैं तो शाम होते ही गांव के नशेड़ी यहां अपना अड्डा जमा लेते हैं. ब्लॉक की तीन परियोजनाओं में से एक पर भी आपरेटर की नियुक्ति नहीं हो सकी है. पुंवासी ग्राम पंचायत में नियुक्त किया गया अपारेटर पैसे नहीं मिलने पर तीन महीने बाद घर चला गया. व र्तमान में इन पेयजल परियोजनाओं का नियमित संचालन नहीं होता. ग्रामप्रधान अपनी सुविधा के मुताबिक निजी खर्च से आपरेटर बुलाकर पेयजल की आपूर्ति करा लेते हैं.

भीषण गर्मी में पेयजल संकट से जूझ रहे ग्रामीण: बिहार ब्लॉक की ग्राम पंचायत पुंवासी, मलावा छजईपुर व मुजेड़ी में पेयजल आपूर्ति के लिए आधी-अधूरी पाइप लाइन बिछाई गई है. इससे गांव के सभी परिवारों तक पेयजल की आपूर्ति नहीं हो पाती. नतीजा भीषण गर्मी में ग्रामीण पेयजल के लिए भटकते रहते हैं. ऐसे परिवार अगल-बगल स्थित इंडिया मार्का हैंडपं प से पानी लाकर प्यास बुझाते हैं.

पेयजल परियोजनाओं का संचालन करने के लिए आपरेटर नियुक्त करने के सम्बंध में कोई स्पष्ट आदेश नहीं मिला है. अफसरों का आदेश मिलने के बाद ही कुछ स्पष्ट कहा जा सकता है.

-अश्वनी सोनकर, बीडीओ

Next Story