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मेरठ न्यूज़: किसी भी काम को तय समय सीमा के अन्दर किस प्रकार अंजाम दिया जाता है यह कोई नगर निगम और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से सीखे। दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ-साफ कहा था कि प्रदेश की सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त 15 नवम्बर तक किया जाए। यानि कि सही ढंग से उन पर पैच वर्क कर दिया जाए। शुरू में तो अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के इस आदेश को हल्के में लिया, लेकिन जैसे जैसे 15 नवम्बर की तिथि नजदीक आती गई, वैसे वैसे अफसरों के दिलों की धड़कनें भी बढ़ने लगीं। आनन-फानन में उक्त विभागों ने सड़कों के गड्ढे भरने शुरू किए। पीडब्ल्यूडी व नगर निगम ने सड़कों पर पैचवर्क के नाम पर खानापूर्ति कर दी, लेकिन कई सड़के ऐसी हैं कि वहां गड्ढा मुक्ति के नाम पर सिर्फ मलबा भरवाकर गड्डों को भर दिया गया।
दरअसल, शास्त्री नगर स्थित सेक्टर-11 में संबधित विभाग ने गड्ढे भरने की प्रक्रिया तो जरुर पूरी की, लेकिन कमाल देखिए कि इस सड़क पर बने बड़े बड़े गड्ढों में सिर्फ मलबा भरकर सड़क को गड्ढा मुक्त करने का असफल प्रयास किया गया। जिन गड्ढे लगभग सप्ताह भर पहले मलबा भरा गया था, वहां से मलबा वापस सड़क पर आता जा रहा है। उधर, पीडब्ल्ूयडी के प्रमुख सचिव नरेन्द्र भूषण जब पिछले सप्ताह मेरठ आए थे, तब भी उन्होंने पैचवर्क को लेकर मेरठ पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के पेंच कसे थे। उन्होंने पैचवर्क वाली तीन सड़कों का निरीक्षण भी किया था। हालांकि बताया यह भी जाता है कि इस दौरान उन्हें स्थानीय पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने केवल उन मार्गों के पैच वर्क दिखाए जहां पर बेहतर ढंग से काम किया गया था। इन सड़कों में गंगनहर पटरी, मेरठ-बड़ौत मार्ग एवं दौराला बरनावा मार्ग शामिल है। शहर में नगर निगम सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के नाम पर खानापूर्ति करने में जुटी हैं, जिसको लेकर लोगों में आक्रोश हैं। उधर, मंगलवार (आज) गड्ढा मुक्त सड़कों के अभियान का अन्तिम दिन है लेकिन इसके बावजूद यहां अधिकतर सड़कें या तो पूर्व स्थिति में हैं या फिर गड्ढा भरने की फॉरमेलिटी पूरी की गई है। कुल मिलाकर 15 तारीख के बाद क्या होगा? मंत्री और वरिष्ठ अफसर प्रदेश भर में सड़कों के निरीक्षण के लिए निकलेंगे या फिर जान बूझ कर सब अंजान बन जाएंगे यह आने वाला वक्त ही बताएगा।
पीडब्ल्यूडी को मिल गया 15 दिन का जीवनदान: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद जो सड़के 15 नवंबर तक दुरुस्त हो जानी चाहिए थी, उसके लिए पीडब्ल्यूडी को एक तरह से 15 दिनों का और जीवनदान मिल गया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश विभाग को प्राप्त हो गए हैं। इन आदेशों में कहा गया है कि अब प्रदेश की सभी सड़कों को 30 नवंबर तक हर हालत में गड्ढा मुक्त कर दिया जाए। मेरठ सहित प्रदेश भर में सड़कों का बुरा हाल है, जगह-जगह सड़कों में गड्ढे हैं। रविवार को ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि यह ही पता नहीं चलता कि सड़कों में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क। इसके अलावा मेरठ सहित प्रदेश के विभिन्न जनपदों में लगभग आधी सड़कों को ही गड्ढा मुक्त किया जा सका था।
मंगलवार को सरकार द्वारा दी गई टाइमलाइन खत्म होने जा रही थी जिसे लेकर पीडब्ल्यूडी अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ था। उल्लेखनीय है कि मेरठ में सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का काम मात्र पचास फीसद ही पूरा हो पाया था। इसी को लेकर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के माथे पर बल पड़े हुए थे। उनको ये आशंका सता रही थी कि यदि 15 नवंबर के बाद मुख्यमंत्री के आदेश के तहत किसी भी बड़े अफसर या मंत्री ने सड़कों का निरीक्षण कर लिया तो अधिकारियों की नपाई तय थी, लेकिन मुख्यमंत्री के आदेश के बाद अब पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने राहत की सांस ली है। नए आदेशों के तहत प्रदेशभर की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए 30 नवंबर की तिथि तय की गई है।