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मेरठ: अपने जीवन में सभी कभी न कभी किसी बीमारी से जरूर ग्रसित होते है। इन बीमारियों में सबसे ज्यादा शुगर, बीपी व सांस के मरीज होते है जिन्हें बीमारी से बचने के लिए डाक्टर रैग्युलर दवाएं लेने को कहते है। ऐसी बीमारियों को बढ़ने से रोकने व उसके प्रभाव को कम करने के लिए दवाओं का सेवन करना जरूरी होता है। अब केन्द्र सरकार ने पेन किलर समेत बीपी, शुगर व सांस की बीमारियों में उपयोग होने वाली दवाओं की कीमते कम कर दी है।
औसतन करीब 40 प्रतिशत दवाओं के दाम घटे है जो मरीजों के लिए राहत की बात है। केन्द्र सरकार के नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइजिंग अथॉरिटी की ओर से 8 अगस्त को जीवन रक्षक दवाओं की सूची जारी की गई है। इसमें 44 दवाओं को शामिल किया गया है जिनकी खपत सबसे ज्यादा रहती है उन दवाओं कीमतों में कमी की गई है। इससे बीपी, शुगर, पेन किलर, एंटीबायोटिक व सांस की बीमारियों में प्रयोग होने वाली दवाओं का प्रयोग करने वाले मरीजों को राहत मिली है।
न्यूरो (दिमागी) बीमारियों से ग्रसित मरीजों को क्लोनजाफाम, इट्राकोनाजोल, लिवासिट्राम, क्लोबाजोम सिरप जैसी दवा डाक्टरों द्वारा सबसे ज्यादा लिखी जाती है जिनकी कीमतों में कमी होने जा रही है। इसके साथ ही बल्डप्रेशर की टेलमिस्ट्रॉन व सिलीनडिपेन टेबलेट, दर्द व सूजन की एक्लोफेंस व पैरासिटामोल, सांस फूलने के लिए जरूरी लिवोसेट्रिजिन, कैल्शियम की दवा विटामिन-डी ओरल सिरप।
शुगर कंट्रोल के लिए इस्तेमाल होने वाली ग्लिमेपेराइड, लिनाग्लिाइफिन, मैट्रोफोर्मिन व नजला-जुखाम से बचाव के लिए इस्तेमाल होने वाली पैरासिटामोल और साल्ट फिनेलफोगराइन व हाइड्रोक्लोराइड की कीमतें आधी कमी हुई है। इसके साथ ही दर्द निवारक ओमनीजैल, डिक्लोफेंस, डैथिलेमाइन जैसी दवाओं की कीमतों में भी आधे से ज्यादा कमी हुई है। इसी तरह एंटिबॉयोटिक दवा फारोपेनम व पोटेशियम क्लावूलनेट सॉल्ट की कीमतों में कमी हुई है। ओआरएस जैसे घोल की कीमतों में भी आधे से ज्यादा कमी की गई है।