उत्तर प्रदेश

Bareilly: भाभी की हत्या करने वाले देवर को आजीवन कारावास

Tara Tandi
1 Aug 2024 1:23 PM GMT
Bareilly:  भाभी की हत्या करने वाले देवर को आजीवन कारावास
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Bareilly बरेली। परीक्षण में दोषी पाने पर अपर सत्र न्यायाधीश हरेन्द्र बहादुर सिंह ने लाइसेंसी बंदूक से भाभी की हत्या करने के आरोपी थाना कैंट के क्यारा निवासी सर्वेश कुमार सिंह को आजीवन कारावास तथा 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। मामले में धीरेन्द्र प्रताप सिंह ने कैंट थाने में तहरीर देकर बताया था कि 27 सितंबर 2018 की रात 12:30 बजे उनकी चचेरी बहन अन्नू घर पर रोती हुई आई और बोली थी कि चाचा सर्वेश ने उसकी मम्मी के सिर में गोली मार दी है और उसकी मौत हो गई है। उसकी लाश खाट पर खून से लथपथ पड़ी है। अन्नू के भी कपड़े खून से सने थे और बाएं कंधे पर
छर्रा लगने का निशान थे।
तहरीर में उसने कहा था कि अन्नू की बात पर विश्वास कर वह अपनी चाची के घर पहुंचा तो उसने देखा चाची रितू सिंह पत्नी स्व. जयपाल सिंह खाट पर मृत पड़ी थीं। चाचा सर्वेश कुमार सिंह ने अपनी लाइसेंसी 12 बोर की बंदूक से चाची रितू सिंह के सिर में गोली मारकर हत्या कर दी थी और लाश घर पर पड़ी थी। पुलिस ने हत्या, मारपीट की रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना के दौरान आरोपी को 29 अगस्त 2018 को मय आला कत्ल बंदूक के साथ बुखारा मोड़ के पास से पकड़ा था। पूछताछ में उसने बताया था कि उसने अपनी भाभी रितू सिंह की हत्या इसी बंदूक से की है। उसे रामगंगा में फेंकने जा रहा था।
वादी बयान से मुकरा, किशोरी का बयान बना आधार
गवाही के दौरान वादी धीरेन्द्र प्रताप सिंह अपने बयान से मुकर गया। उसने कहा कि मेरे चाचा जयपाल सिंह की मौत घटना से लगभग तीन साल पहले बीमारी से हुई थी। चाची रितू सिंह के तीन बच्चों में आकाश बड़ा, बेटी राधा मझली तथा अन्नू छोटी है। घटना के समय अन्नू 12 वर्ष की थी। अन्नू ने घटना के बाद घर पर आकर यह नहीं बताया कि रितु और उसे गोली किसने चलाई थी। उसने घटना स्वयं नहीं देखा था। अभियोजन के कुछ तथ्यों का समर्थन नहीं करने पर कोर्ट ने उसे पक्ष द्रोही साबित कर दिया।
वहीं मृतक की पुत्री अन्नू (14) ने कोर्ट में दिए बयान में कहा था कि तीन साल पहले चाचा सर्वेश ने उसकी मां रितू सिंह का कत्ल किया था। पिता की कैंसर से मौत हो गई थी। कत्ल से एक दिन पहले भाई आकाश और बहन राधा नानी के संग लखनऊ चले गए थे। घर पर मैं और मेरी मम्मी अकेले थे। घटना वाली रात लगभग 12 बजे जब मैं अपनी मम्मी के साथ बरामदे में एक ही चारपाई पर सो रहे थे, तभी खटपट होने पर आंख खुल गई। मैंने देखा कि चाचा सर्वेश ने अपनी बंदूक मेरी मां को जान से मारने के लिए सिर पर लगाकर फायर कर दिया है।
वहीं बचाव पक्ष के वकील की ओर से अगली तारीख पर जिरह के दौरान अन्नू भी अपने बयान से मुकर गई। कोर्ट ने विचारण में पाया कि घटना सर्वेश ने ही अपनी बंदूक से की है। मुख्य परीक्षा में स्पष्ट बयान अभियुक्त के विरुद्ध देने पर बचाव पक्ष ने स्थगन पेश किया, जिरह नहीं की। अगली तिथि पर पाया गया कि जिरह के दौरान जिस प्रकार अन्नू ने अभियुक्त को बचाते हुए बिल्कुल विपरीत बयान दिया है, उससे पता चलता है कि अभियुक्त ने मृतका की पुत्री तथा अपनी भतीजी अन्नू को किसी भय अथवा दबाव में रखकर बयान बदलवाया है। अभियुक्त के भय के कारण ही मृतका के बच्चे अपने घर की बजाय नानी के घर पर रह रहे हैं।
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